मोदी और भागवत ने सुलझाया 'स्टार प्रचारक' और 'ब्रांड मोदी' का पेंच!

मोदी और भागवत ने सुलझाया 'स्टार प्रचारक' और 'ब्रांड मोदी' का पेंच!

मोदी और भागवत ने सुलझाया 'स्टार प्रचारक' और 'ब्रांड मोदी' का पेंच!ज़ी न्यूज़ ब्यूरो
नागपुर : गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी की रविवार सुबह आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से संघ मुख्यालय नागपुर में हुई मुलाकात के बाद भाजपा में सियासी हलचल तेज हो गई है। करीब साढ़े तीन घंटे चली इस मुलाकात को हालांकि भाजपा सामान्य भेंट बता रही है और खुद नरेंद्र मोदी ने भी मुलाकात के बाद कहा कि भागवत से किसी राजनीतिक मसले पर चर्चा नहीं हुई। लेकिन दो दिग्गज एक कमरे में साढ़े तीन घंटे तक आमने-सामने बैठकर बात करें तो उसे रूटिन की मुलाकात कहना बेमानी होगा।

संघ मुख्यालय में बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में मोदी ने कहा, ‘संघ ऐसी चीजों में शामिल नहीं होता है।’ वह प्रधानमंत्री के उम्मीदवार के तौर पर खुद को पेश किए जाने की संभावना से जुड़े सवाल का जवाब दे रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘लंबे समय बाद मैं यहां सरसंघचालक मोहन भागवत, सहसरकार्यवाह भय्याजी जोशी और सुरेश सोनी से मिलने आया था और विभिन्न मुद्दों पर उनसे सौहार्द्रपूर्ण चर्चा हुई।’ दिसंबर में विधानसभा चुनावों का सामना करने जा रहे मोदी यहां विशेष विमान से आए और बैठक के तत्काल बाद चले गए।

मालूम हो कि भाजपा सांसद राम जेठमलानी के बयान की पृष्ठभूमि में मोदी का यह दौरा हुआ है। जेठमलानी ने कहा था कि लोकसभा चुनावों के लिए मोदी को पार्टी का प्रधानमंत्री का उम्मीदवार घोषित किया जाना चाहिए। हालांकि, भाजपा ने बैठक के महत्व को कमतर बताया और इसे शिष्टाचार के नाते हुई बैठक कहा जिसका कोई ‘राजनीतिक अर्थ’ नहीं निकाला जाना चाहिए।

भाजपा प्रवक्ता मुख्तार अब्बास नकवी ने दिल्ली में कहा, ‘नरेंद्र मोदी या पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता वे शिष्टाचार के नाते संघ नेताओं से मिलते रहते हैं। इस बैठक को इसी नजरिए से देखा जाना चाहिए और इसका राजनीतिक अर्थ निकाला जाना या बड़े तौर पर देखना सही नहीं होगा।’

माना जा रहा है कि संघ ने मोदी को कई मसलों पर पार्टी की राय से अवगत कराया है। गुजरात चुनाव प्रचार के लिए बिहार के नेताओं की नो एंट्री और कई अन्य भाजपा नेताओं को प्रचार के लिए बुलाए जाने से इनकार करने के मोदी के फैसले से पार्टी का एक धड़ा असहज महसूस कर रहा है। इसलिए गुजरात भाजपा ने स्टार प्रचारकों की जो सूची तैयार की है उसमें अब बिहार के नेताओं को भी जगह मिलेगी और इसके लिए उन्हें अलग से न्योता भेजा जाएगा। इसपर सहमति के लिए संभवत: संघ प्रमुख ने मोदी को भरोसे में लिया है।

मालूम हो कि एक तरफ जहां गुजरात विधानसभा चुनाव सिर पर हैं वहीं 2014 में प्रस्तावित लोकसभा चुनाव में मोदी की पीएम पद को लेकर दावेदारी को लेकर लग रहे कयासों के बीच संघ प्रमुख से यह मुलाकात महत्वपूर्ण मानी जा रही है। संघ इस मसले पर बीते कुछ समय से भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं से बातचीत कर चुका है।

First Published: Sunday, October 21, 2012, 12:12

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