मोदी का बयान राष्ट्रविरोधी, माफी मांगें : कांग्रेस

मोदी का बयान राष्ट्रविरोधी, माफी मांगें : कांग्रेस

नई दिल्ली : कांग्रेस ने ‘देहाती महिला’ विवाद पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को कमजोर बता कर उनकी छवि धूमिल करने के लिए आज नरेन्द्र मोदी को राष्ट्रविरोधी करार दिया और उनसे राष्ट्र से माफी मांगने को कहा। कांग्रेस ने मोदी की टिप्पणी को लेकर उनकी जबरदस्त आलोचना करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के खिलाफ इस तरह की भाषा का इस्तेमाल विपक्षी पार्टी से प्रधानमंत्री पद के किसी उम्मीदवार को शोभा नहीं देता।

कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रमुख अजय माकन ने यहां संवाददाताओं से कहा कि यह राष्ट्रविरोधी है और इसकी सख्ती से निंदा किए जाने की जरूरत है। उन्होंने आज जो कुछ कहा उसके लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए क्योंकि इससे प्रधानमंत्री की छवि धूमिल हुई है।

माकन ने कहा कि मोदी ने एक रैली को संबोधित करते हुए एक पाकिस्तानी पत्रकार के विचार जाहिर किए जिन्होंने दावा किया है कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के समक्ष अपने :शरीफ के: खिलाफ शिकायत करने को लेकर सिंह को एक ‘देहाती महिला’ बताया।

उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री के खिलाफ ऐसा बोलना विपक्षी पार्टी से प्रधानमंत्री पद के किसी उम्मीदवार को शोभा नहीं देता।’ माकन ने कहा, ‘खुद के राष्ट्रवादी होने का दावा करने वाले मोदी भारतीय पत्रकारों में यकीन नहीं करते और समूचे राष्ट्र के सामने एक पाकिस्तानी पत्रकार की झूठी कहानी फैलाई। उन्होंने कहा, ‘मोदी ने देश के समक्ष पाकिस्तान के विचार रखे हैं।’

माकन ने कहा कि यह बहुत दुखद है कि मोदी ने प्रधानमंत्री को कमजोर बताने के लिए एक ऐसे वक्त का इस्तेमाल किया जब वह विदेश में हैं और ऐसा कर उन्होंने प्रधानमंत्री का अपमान किया है। कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने नरेन्द्र मोदी के इस आरोप को आज खारिज कर दिया कि राहुल गांधी ने ‘जनप्रतिनिधियों पर लाए गए अध्यादेश’ पर हमला बोल कर प्रधानमंत्री पद की गरिमा को कम किया है। साथ ही, आरोप लगाया कि गुजरात के मुख्यमंत्री देश को गुमराह कर रहे हैं और अपने राज्य को नजरअंदाज कर रहे हैं जो बाढ़ के खतरे का सामना कर रहा है।

राष्ट्रीय राजधानी में एक रैली में दिए मोदी के भाषण पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने कहा, ‘राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री के नाम का जिक्र तक नहीं किया। उन्होंने सिर्फ अध्यादेश के बारे में अपने विचार जाहिर किए। उन्होंने सरकार से इसे वापस लेने को भी नहीं कहा।’ पार्टी के एक अन्य नेता संदीप दीक्षित ने कहा, ‘विषय वस्तु और उनके लहजे को देखिए। मुझे लगता है कि यह पूरी तरह से निंदनीय है।’ (एजेंसी)

First Published: Sunday, September 29, 2013, 23:09

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