मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से NRI को किया संबोधित, कहा-धर्मनिरपेक्षता का मतलब पहले भारत--Narendra Modi’s definition of secularism is `India first`

मोदी की धर्मनिरपेक्षता का मतलब-'पहले भारत'

मोदी की धर्मनिरपेक्षता का मतलब-'पहले भारत'वॉशिंगटन/अहमदाबाद : अमेरिका दौरे के लिए वीजा देने से इंकार कर दिए जाने के बाद गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए भारतीय-अमेरिकी समुदाय को संबोधित किया और कहा कि उनके लिए धर्मनिरपेक्षता की परिभाषा ‘‘ पहले भारत’’ है । साल 2002 के गोधरा कांड के बाद गुजरात में भड़के दंगों में मुसलमानों के मारे जाने की वजह से अक्सर आलोचना झेलने वाले मोदी ने करीब आधे घंटे लंबे अपने भाषण में इस विवादित मुद्दे का जिक्र तक नहीं किया।

मोदी ने कहा, ‘‘धर्मनिरपेक्षता की मेरी परिभाषा काफी साधारण है: ‘‘पहले भारत’’। आप जो भी करें, जहां कहीं भी काम करें, इसके सभी नागरिकों के लिए भारत ही सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।’’ गुजरात के मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘देश सभी धर्मों एवं विचारधाराओं से उपर है।’’ उन्होंने कहा कि लोगों को इसी सिद्धांत का पालन करना चाहिए। मोदी ने कहा, ‘‘मैं इससे सहमत हूं मित्रों कि एक भारतीय के तौर पर, भारत से प्रेम करने वाले एक नागरिक के तौर पर, आप भी मेरी इस परिभाषा से सहमत होंगे..हम कोई भी काम करें या कोई भी फैसला करें, सबसे उपर भारत ही होना चाहिए।’’ भाजपा नेता ने कहा, ‘‘भारत के हित से कम कुछ भी हमारा लक्ष्य नहीं होना चाहिए और यदि ऐसा होता है तो धर्मनिरपेक्षता अपने आप हमारी रगों में दौड़ेगी।’’ मानवाधिकार हनन के मुद्दे पर मोदी को अमेरिकी वीजा से इंकार कर दिया गया था।

पिछले हफ्ते व्हार्टन इंडिया इकनॉमिक फोरम में मुख्य वक्ता के तौर पर दिया जाने वाला मोदी का भाषण रद्द कर दिया गया था । यूनिवर्सिटी ऑफ पेनसिलवेनिया के प्रोफेसरों और छात्रों के एक तबके की ओर से मोदी का विरोध किए जाने की वजह से भाषण को रद्द करना पड़ा था।

हालांकि, अपने संबोधन में मोदी ने व्हार्टन मुद्दे पर भी कुछ नहीं बोला । व्हार्टन विवाद से काफी पहले ‘ओवरसीज फ्रेंड्स ऑफ बीजेपी’ की ओर से इस कार्यक्रम की योजना बनायी गयी थी।

न्यू जर्सी के एडिसन और शिकागो में मोदी के भाषण को सुनने के लिए सैकड़ों लोग इकट्ठा हुए थे। अपने संबोधन में मोदी ने युवाओं के कौशलपूर्ण विकास पर जोर दिया क्योंकि भारत की कुल आबादी में युवा जनसंख्या 65 फीसदी है। उन्होंने भारतीय समुदाय से कहा कि वह भारत के समुचित विकास में मदद करे।

अपने भाषण में मोदी केंद्र की संप्रग सरकार के प्रति ज्यादा आलोचनात्मक रुख अपनाने से बचते नजर आए । हालांकि, उन्होंने देश के युवाओं के कौशल विकास के लिए केंद्र और अपनी अगुवाई वाली गुजरात सरकार की ओर से आवंटित बजट के मुद्दे पर बात की। उन्होंने कहा, ‘‘इससे दोनों सरकारों की प्राथमिकताओं का पता चलता है ।’’ मोदी ने कहा, ‘‘मैं इस मंच का इस्तेमाल किसी सरकार की आलोचना के लिए नहीं कर रहा लेकिन आपके सामने कुछ तथ्य रखना चाहता हूं।’’ अपने संबोधन में स्वामी विवेकानंद और युवाओं का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि देश की सभी समस्या के निदान की कुंजी ‘‘विकास’’ ही है। अपनी सरकार के विकास मॉडल की चर्चा करते हुए मोदी ने कहा कि देश में मौजूद इस ‘‘अंधकार युग’’ में गुजरात आज ‘‘आशा की एक किरण’’ है।

गुजरात और भारत को एक बड़े पर्यटन स्थल के तौर पर पेश करने के लिए भी मोदी ने इस मौके का पूरा इस्तेमाल किया । उन्होंने भारतीय समुदाय से अपील की कि वह दूसरे देशों के नागरिकों को पर्यटन के लिए भारत आने को कहें । यदि एक बार उन्होंने भारत आना शुरू कर दिया तो इससे देश के पर्यटन उद्योग को काफी बढ़ावा मिलेगा और इससे अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी ।

मोदी ने अमेरिका के होटल और मोटल संगठनों का भी आह्वान किया कि वे अपने कमरों के टीवी सेट में भारत को दिखाएं। अमेरिका के होटल और मोटल संगठनों में गुजराती मूल के लोग बड़ी तादाद में हैं। उन्होंने कहा, ‘‘आपकी ओर से यह भारत की बड़ी सेवा होगी। जरूरी नहीं है कि हमेशा भारत में निवेश ही किया जाए या डॉलर भेजे जाएं, भारत आने के लिए लोगों को प्रेरित करना भी सेवा का एक दूसरा रास्ता है ।’’ टीवी एशिया के सीईओ एच आर शाह ने दावा किया कि दुनियाभर में मोदी के इस भाषण को लाखों लोगों ने ‘लाइव’ देखा। (एजेंसी)

First Published: Sunday, March 10, 2013, 09:51

comments powered by Disqus