Last Updated: Friday, September 20, 2013, 23:42

नई दिल्ली : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भाजपा के इस दावे को खारिज कर दिया कि पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के पक्ष में लहर चल रही है। नीतीश ने एक तरह से मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, ‘कुछ लोगों ने पंखा चला दिया है और आप सोचते हैं कि यह प्राकृतिक हवा है।’
उन्होंने मुजफ्फरनगर के दंगों को गुजरात और भागलपुर के अतीत में हुए दंगों की तरह देश पर ‘धब्बा’ करार देते हुए कहा कि हालात को इस हद तक नहीं बिगड़ने देना चाहिए था। जदयू नेता ने अपने प्रदेश का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां जिला मजिस्ट्रेट और पुलिस अधीक्षक तत्काल मौके पर पहुंचने के लिए प्रतिबद्ध होते हैं और धार्मिक तनाव की संभावना वाली किसी घटना को सुलझाते हैं।
नीतीश ने कहा, ‘मैंने आज दोपहर के भोजन पर यूरोपीय संघ के राजदूत से मुलाकात की। किसी ने मुझसे पूछा कि मैं क्या करता (सांप्रदायिक तनाव की स्थिति में)। मैंने कहा कि हर समय निगरानी का कोई विकल्प नहीं है। आपको सभी का विश्वास जीतना होगा।’ वह ‘आइडिया ऑफ इंडिया’ पर राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग (एनसीएम) का छठा वार्षिक व्याख्यान दे रहे थे। एनसीएम के वार्षिक दिवस पर संबोधित करने वाले वह पहले मुख्यमंत्री बन गये।
नीतीश ने मुस्लिमों और अन्य वंचित समुदायों की मदद के लिए विशेष नीतियों की वकालत भी की। उन्होंने 1989 में भागलपुर में हुए दंगों को याद करते हुए कहा कि उन्होंने 2005 में सत्ता में आने के बाद मामलों को फिर से खोला था और सुनिश्चित किया कि दोषियों को दंडित किया जाए और पीड़ितों को मुआवजा मिले। दंगों में सैकड़ों लोग मारे गये थे जिनमें अधिकतर मुस्लिम थे।
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री रहमान खान ने कहा कि ‘आइडिया ऑफ इंडिया’ पर व्याख्यान देने के लिए नीतीश कुमार से बेहतर कोई नहीं हो सकता। भाजपा की पूर्व सहयोगी रही जदयू के नेता नीतीश को कांग्रेस के करीब आता हुआ देखा जा रहा है। राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष वजाहत हबीबुल्ला ने कहा कि मुजफ्फरनगर के दंगे इस बात का उदाहरण हैं कि अलग-अलग समुदायों की एकता पर हमले करने पर क्या हो सकता है। (एजेंसी)
First Published: Friday, September 20, 2013, 23:42