Last Updated: Sunday, April 7, 2013, 16:59

नई दिल्ली : गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को विभाजनात्मक व्यक्ति करार देते हुए दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने कहा कि वह भारत के लोकाचार को नहीं समझते हैं। कांग्रेस की वरिष्ठ नेता शीला ने कहा कि गुजरात के नेता और राहुल गांधी के बीच कोई तुलना नहीं की जा सकती है। ‘‘एक (राहुल) पूरी तरह से धर्मनिरपेक्ष है और दूसरा (मोदी) पूरी तरह से साम्प्रदायिक है।’’ चौथी बार मुख्यमंत्री बनने की दावेदारी के साथ नवंबर में आसन्न विधानसभा चुनाव में उतरने को तैयार दिखती शीला ने नरेन्द्र मोदी को ‘तानाशाह’ प्रकृति का नेता बताया।
शीला दीक्षित का बयान ऐसे समय में आया है जब 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा नेताओं का एक वर्ग मोदी को पार्टी के प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाये जाने पर जोर दे रहा है। दिल्ली की मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘उनके (मोदी) बारे में आकलन करना कठिन है क्योंकि वे आत्मलीन है। मैं समझती हूं कि वे भारत के लोकाचार को नहीं समझते हैं। मैं समझती हूं कि हम भारतीय जीओ और जीने दो के दर्शन में विश्वास रखते हैं। मैं नहीं समझती कि वे इसका प्रतिनिधित्व करते हैं।’’
मोदी के विकास मॉडल की आलोचना करते हुए शीला ने कहा कि यह सही दिशा में नहीं जा रहा है क्योंकि देश की बड़ी आबादी इसके दायरे में नहीं आती है। उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री की ओर से पेश किये जा रहे आंकड़ों पर सवाल उठाते हुए कहा कि इसमें से कुछ गलत आंकड़ें हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या मोदी साल 2002 गुजरात दंगों से विकास मॉडल की ओर ध्यान बांटना चाहते हैं और अपना ध्यान प्रधानमंत्री पद पर लगाये हुए हैं, दिल्ली की मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ मैं आशा करती हूं कि वह ऐसे व्यक्ति के रूप में सामने आए जो अधिक गंभीर हो। ऐसी गर्माहट और गंभीरता नहीं है।’’ कारपोरेट जगत की ओर से मोदी की प्रशंसा किये जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि कारपोरेट जगत से कुछ लोगों ने उन्हें बताया कि गुजरात के मुख्यमंत्री के पास विचार हैं लेकिन अतिसक्रिय और विश्वास नहीं करने योग्य व्यक्ति हैं।
शीला ने कहा, ‘‘ आज गुजरात को तीव्र गति से आगे बढ़ना चाहिए था। वह आठवें स्थान पर है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ हां, यह गंभीर मामला है। आप ऐसे देश का ध्रवीकरण नहीं कर सकते जो इतना विविधताओं से भरा हुआ हो। आप ऐसा कैसे कर सकते हैं ? कई ऐसे आंकड़े जिसके बारे में चर्चा की गई है, वे गलत आंकड़े हें। किसी तरह उनकी ऐसी तानाशाही :प्रकृति: है और कोई इस पर सवाल नहीं करता।’’
दिल्ली की मुख्यमंत्री ने कहा कि लोग जल्द ही इस बात को समझेंगे कि गुजरात की सफलता की कहानी काल्पनिक है या नहीं। उन्होंने कहा कि लगातार चुनाव जीतने से आपको देश की राजनीति में महत्वपूर्ण स्थान मिल सकता है लेकिन इससे कोई प्रधानमंत्री नहीं बन जाता।
उन्होंने कहा, ‘‘किसी के प्रधानमंत्री बनने के लिए आपकी पार्टी का जीतना जरूरी होता है। यह पहली पात्रता है। इसलिए पहले इसे पूरा होने दें और तब उनकी पार्टी को निर्णय करने दें।’’ शीला ने दावा किया कि भाजपा में भी सभी लोगों के यह विचार नहीं हैं कि मोदी इस शीर्ष पद के योग्य होंगे। ‘‘इसलिए जब तक स्थिति स्पष्ट नहीं होती जब तक यह कहना कठिन है।’’ यह पूछे जाने पर कि राहुल गांधी में वह ऐसा कौन सा गुण देखती हैं जो उन्हें अच्छा प्रधानमंत्री बना सकती हैं, दिल्ली की मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस उपाध्यक्ष में जबर्दस्त प्रतिबद्धता और सीखने की इच्छा है।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने जो कुछ देखा है, उनमें जबर्दस्त प्रतिबद्धता और सीखने की इच्छा है। वह ऐसे व्यक्ति नहीं है जो कहें कि उनका प्रत्येक कदम सफलता की ओर जाता है। वह खतरा मोल लेते हैं और आगे बढ़ते हैं, वह अगर जान भी लेते हैं कि कुछ गलती कर रहे हैं तो वे गलतियों से परेशान नहीं होते या सफलता से अति उत्साहित नहीं होते।’’ शीला ने कहा, ‘‘यह बात उनमें है। उन्हें मौका मिलना चाहिए।’’ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अच्छा काम करने के बयान के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वह कठिन दौर से गुजर रहे हैं, ‘‘वह आमतौर पर अच्छे मुख्यमंत्री के रूप में जाने जाते हैं।’’ अगले लोकसभा चुनाव में जद यू के कांग्रेस नीत गठबंधन का समर्थन करने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर शीला ने कहा, ‘‘मैं कुछ नहीं कह सकती। राजनीति संभव, संभावना और जरूरमंद की कला है।’’ (एजेंसी)
First Published: Sunday, April 7, 2013, 16:59