मोदी को लेकर भाजपा-जदयू में फिर चले तीखे बाण

मोदी को लेकर भाजपा-जदयू में फिर चले तीखे बाण

मोदी को लेकर भाजपा-जदयू में फिर चले तीखे बाण पटना : जनता दल यूनाइटेड की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना के बाद बिहार में राजग के दोनों घटकों भाजपा और जदयू के बीच मंगलवार को भी तीखे बाण चले। जदयू ने फिर पलटवार करते हुए कहा कि समर्थन के लिए उसने पार्टी के पैर पकड़ कर नहीं रखे हैं।

बिहार भाजपा के शीर्ष नेता और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने जदयू पर हमला करते हुए कहा कि गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लिए बिना संकेतों में जदयू ने जो आक्रमण किया वह दुर्भाग्यपूर्ण है और जो कुछ हुआ वह नहीं होना चाहिए। गठबंधन को लेकर नम्र रुख अपनाने वाले उपमुख्यमंत्री मोदी ने कहा कि इस प्रकरण से भाजपा कार्यकर्ता दुखी और मर्माहत हैं। राजग के घटक दलों को एक दूसरे पर आरोप लगाने के बजाय केंद्र की यूपीए-2 सरकार को अपदस्थ करने में ऊर्जा लगानी चाहिए।

जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता शिवानंद तिवारी ने पलटवार करते हुए कहा कि भाजपा जिस प्रकार से प्रतिक्रिया दे रही है वैसी प्रतिक्रिया नहीं देनी चाहिए। जदयू पर जिस प्रकार से आरोप लगाया जा रहा है वह उचित नहीं है। जदयू की प्रतिबद्धता, राजनीतिक भावना और नीति की इज्जत भाजपा को करना चाहिए। समर्थन के लिए हमने भाजपा के पैर पकड़कर रखे है। भाजपा निर्णय लेने को स्वतंत्र है। तिवारी ने कहा कि भाजपा को यह बात नहीं भूलना चाहिए कि केंद्र में अकेले उसकी सरकार नहीं बनने वाली है। उसे जदयू की जरूरत होगी। किसी परिस्थिति में भाजपा यदि 40 लोकसभा सीटों पर उम्मीदवार खड़े करेगी तो जदयू भी 40 के लिए तैयार है भाजपा के नेताओं को यदि लगता है कि नरेंद्र मोदी धर्मनिरपेक्ष हैं तो पार्टी को प्रधानमंत्री के उम्मीदवार के रूप में नाम तय करना चाहिए।

जदयू इसके बाद अपना निर्णय देगा। बीते वर्ष एक अंग्रेजी अखबार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने साक्षात्कार में राजग के प्रधानमंत्री के पद के उम्मीदवार के मानदंड भाजपा के सामने रखे थे। पिछले वर्ष भी दोनों सहयोगी दलों के बीच जमकर राजनीतिक घमासान हुआ था। बाद में भाजपा और जदयू के बीच तल्खियां कम हुई थी। उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी यहां कहा कि गठबंधन को लेकर जो वर्तमान राजनीतिक हालात हैं उस पर भाजपा के बिहार की कोर कमेटी की राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह के साथ नई दिल्ली में 18 अप्रैल को चर्चा होगी। कोर कमेटी के सदस्य और स्वास्थ्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि बीतें दिनों जो इशारा किया गया है उसका जवाब यह है कि नरेंद्र मोदी 100 प्रतिशत धर्मनिरपेक्ष हैं। सांप्रदायिकता का मुद्दा कांग्रेस के दिमाग की उपज है। मोदी देश में सबसे बडे धर्मनिरपेक्ष हैं और देशभक्त हैं। भाजपा कांग्रेस की तरह तुष्टिकरण की राजनीति नहीं करती है।

बहरहाल, भाजपा की राष्ट्रीय प्रवक्ता मीनाक्षी लेखी के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि रेल मंत्रालय का काम संरक्षा का है। इसमें रेल के पटरी से उतर जाने, ट्रेनों की टक्कर के मामले हैं। विधि व्यवस्था की यदि कोई समस्या होती है तो यह जिम्मेदारी राज्यों की होती है रेलवे की नहीं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय ने कल जदयू को गठबंधन धर्म निभाने की नसीहत दी थी। वहीं नई दिल्ली में भाजपा के वरिष्ठ नेता सीपी ठाकुर, अश्विनी चौबे, चंद्रमोहन राय और गिरिराज सिंह ने राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह से मुलाकात की थी। जदयू के विधान पार्षद और नीतीश कुमार के करीबी सहयोगी देवेश चंद्र ठाकुर ने कहा था कि विपक्ष यदि भाजपा राष्ट्रीय परिषद में उठाए गए मुद्दे को आर पार की लडाई मान रहा है तो उसे स्पष्ट करना चाहिए कि इस लड़ाई में उनका नेता कौन होगा। गिरिराज ने कहा था कि मुख्यमंत्री (नीतीश) ने नरेंद्र मोदी के बारे में हल्की टिप्पणी की है।

बिहार में लोकसभा की 40 सीटें हैं। बिहार में जदयू के पास 20 सीटें हैं, जबकि भाजपा के पास 12 सीटें हैं। वहीं 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में जदयू की 118 और भाजपा की 91 सीटें हैं। साधारण बहुमत के लिए बिहार विधानसभा में 122 सीटों की दरकार है। 2005 से दोनों दलों की सरकार बिहार में सत्ता में है। एक प्रश्न के जवाब में शिवानंद तिवारी ने कहा कि यह गठबंधन टूटे यह किसी के लिए खुशी की बात नहीं होगी। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, April 16, 2013, 22:42

comments powered by Disqus