Last Updated: Friday, September 20, 2013, 14:10
नई दिल्ली : ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि महत्वाकांक्षी कर सुधार योजना वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की राह में नरेन्द्र मोदी सबसे बड़ी बाधा बनकर खड़े हैं, जबकि यह योजना स्वयं भाजपा नीत राजग सरकार की थी और उनकी ही पार्टी की बिहार इकाई के सदस्य सुशील मोदी इसे आगे बढ़ा रहे थे।
उन्होंने कहा कि आज वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के सबसे प्रभावशाली समर्थक सुशील मोदी हैं तो सबसे शक्तिशाली विरोधी नरेंद्र मोदी है। रमेश ने कहा कि जीएसटी के लिये सुशील मोदी ने काफी काम किया है। लेकिन दूसरे मोदी ने जीएसटी को लागू नहीं होने दिया। अकेले नरेंद्र मोदी के जीएसटी विरोध के कारण यह लागू नहीं हो पाया। इसलिए एक मोदी ने जीएसटी तैयार किया और दूसरे मोदी ने सुनिश्चित किया कि ऐसा न हो पाए। सुशील मोदी ने बिहार के तत्कालीन वित्त मंत्री और राज्यों के वित्त मंत्रियों की अधिकार प्राप्त समिति के अध्यक्ष के तौर पर जीएसटी लागू करने की दिशा में आम सहमति कायम करने में प्रमुख भूमिका निभाई।
जीएसटी में उत्पाद, बिक्री और सेवा जैसे कई तरह के अप्रत्यक्ष कर समाहित हो जाएंगे। इस कर सुधार का प्रस्ताव अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार ने किया था जिसका बाद में कांग्रेस नीत संप्रग सरकार ने समर्थन किया।
हालांकि, रमेश ने कहा कि आर्थिक नीतियों में आने वाला यह क्रांतिकारी बदलाव भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के विरोध के कारण नहीं हो सका। (एजेंसी)
First Published: Friday, September 20, 2013, 14:10