मोदी ने पाक को दी अशिक्षा, गरीबी से लड़ने की नसीहत

मोदी ने पाक को दी अशिक्षा, गरीबी से लड़ने की नसीहत

मोदी ने पाक को दी अशिक्षा, गरीबी से लड़ने की नसीहतरेवाड़ी (हरियाणा) : भाजपा के प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किये जाने के बाद अपनी पहली जनसभा में नरेंद्र मोदी ने केंद्र में मजबूत नेतृत्व की पुरजोर वकालत की और नेताओं से कहा कि वे सेना से सच्ची धर्म-निरपेक्षता की सीख लें।

संप्रग सरकार पर कुशासन का आरोप लगाने वाले मोदी ने कहा कि यदि देश को मौजूदा संकट से निकालना है तो उसे मजबूत सरकार की जरूरत है जिसमें कोई व्यक्ति आगे रहकर नेतृत्व कर सके।

युवाओं से मताधिकार का इस्तेमाल करने का आग्रह करते हुए मोदी ने कहा, ‘अगर आप देश को मजबूत देखना चाहते हैं, यदि आप दिल्ली में मजबूत सरकार चाहते हैं तो पता लगाइए कि आपका नाम मतदाता सूची में है या नहीं।’

गुजरात के मुख्यमंत्री ने अपने 65 मिनट लंबे भाषण में कई बार पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का जिक्र किया जिन्हें भाजपा के उदारवादी चेहरे के तौर पर देखा जाता है। मोदी ने भारतीय सशस्त्र बलों में सच्ची धर्म-निरपेक्षता होने की बात भी कही।

मोदी की इस रैली में पूर्व सेना प्रमुख जनरल वी के सिंह भी शामिल हुए और बड़ी संख्या में पूर्व सैनिकों ने भाग लिया।

रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, ‘हमारे देश में वोट बैंक की खराब राजनीति हो चुकी है। वोट बैंक की राजनीति के माध्यम से समाज को विभाजित करने की चाह रखने वाले नेताओं को हमारे सशस्त्र बलों से सच्ची धर्म-निरपेक्षता का सबक सीखना चाहिए।’

केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा कि पाकिस्तान और चीन के साथ सीमाओं पर समस्याएं सेना में किसी कमी की वजह से नहीं बल्कि केंद्र की वजह से हैं।

उन्होंने कहा, ‘समस्या दिल्ली में है। इसलिए इस समस्या का समाधान भी दिल्ली में ही खोजना होगा। समस्या का हल तभी निकलेगा जब केंद्र में एक सक्षम, देशभक्त और जनोन्मुखी सरकार बनेगी।’

केंद्र सरकार की नीतियों को लेकर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा कि हम हर दिन समस्याओं का सामना कर रहे हैं। पाकिस्तान अपनी करतूतों से बाज नहीं आ रहा। चीन घुसपैठ करके अपनी ताकत हमें दिखा रहा है। वह ब्रह्मपुत्र नदी का पानी रोकना चाहता है और अरुणाचल प्रदेश पर कब्जा करना चाहता है।

उन्होंने कहा, ‘दिल्ली में बैठी सरकार को इन सबकी कोई फिक्र नहीं है। उन्हें लगता है कि ऐसी घटनाएं तो होती रहती हैं।’ मोदी ने कहा कि आज की रैली ‘बदलाव का आह्वान’ कर रही है और हरियाणा की भूमि ने दिल्ली की सल्तनत को चुनौती दी है।

उन्होंने कहा, ‘जब आप युद्धक्षेत्र में सेना के बीच खड़े होते हैं तो आपकी नेतृत्व क्षमता देखी जाती है।’ मोदी ने अपने भाषण में उनसे नाराज माने जा रहे वरिष्ठ पार्टी नेता आडवाणी का भी एक बार जिक्र किया और कहा, ‘अटलजी और आडवाणीजी की सरकार के बारे में याद करके अच्छी अनुभूति होती है।’ आडवाणी की नाराजगी के बीच शुक्रवार को भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार घोषित किये गये मोदी ने अपने विचारों में महाभारत के युद्ध और भगवान कृष्ण का चित्रण भी किया।

मोदी ने सच्चर समिति के माध्यम से सेना में समुदाय के आधार पर जनगणना करने की मांग को लेकर भी संप्रग पर निशाना साधते हुए कहा कि दिल्ली में बैठे सत्ता के भूखे और वोट बैंक की राजनीति में भरोसा रखने वाले लोगों ने यह पाप किया है। उन्होंने इस कदम का विरोध करने के सेना के कदम की भी तारीफ की।

आतंकवाद और नक्सलवाद की समस्याओं का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि जब वाजपेयी की सरकार थी तो पाकिस्तान अलग-थलग पड़ गया था और दुनिया को आतंकवाद पर ध्यान देने पर मजबूर होना पड़ा। उन्होंने कहा, ‘दुनिया ने पाकिस्तान की बात सुननी बंद कर दी थी लेकिन पिछले नौ साल में दुनिया में वैसा गुस्सा नहीं है जो आतंकवाद के खिलाफ होना चाहिए।’

मोदी ने कहा कि अगर पाकिस्तान, बांग्लादेश और भारत जंग लड़ना चाहते हैं तो यह गरीबी और निरक्षरता के खिलाफ होनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘मैं पाकिस्तानी मित्रों को बताना चाहता हूं कि बम और पिस्तौल समाधान नहीं हैं। इससे पिछले 60 साल में पाकिस्तान को कोई फायदा नहीं हुआ।’

मोदी के मुताबिक अगर पाकिस्तान केवल दस साल तक आतंकवाद को पनपने से रोक दे तो वहां विकास होगा। उन्होंने हरियाणा के जाट नेताओं देवीलाल और बंसीलाल के साथ सहयोग के दिनों को याद करते हुए कहा कि उन्होंने रेवाड़ी में अपनी पिछली रैली को वाजपेयी के साथ संबोधित किया था।

मंच पर मोदी के साथ जनरल सिंह के अलावा राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के बेटे और हरियाणा जनहित कांग्रेस के अध्यक्ष कुलदीप बिश्नोई भी थे। जिससे जाट बहुल राज्य में भाजपा की ओर से देखी जा रहीं नयी राजनीतिक समीकरणों की संभावनाओं की ओर संकेत मिलता है। (एजेंसी)

First Published: Sunday, September 15, 2013, 14:05

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