Last Updated: Wednesday, July 24, 2013, 15:28

नई दिल्ली : गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को अमेरिकी वीजा न देने की नीति जारी रखने संबंधी किसी पर पत्र हस्ताक्षर किए जाने का खंडन करते हुए माकपा के वरिष्ठ नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि ऐसा लगता है, जो किया गया, वह ‘कट पेस्ट’ वाला प्रयास था।
येचुरी ने यहां एक बयान में कहा ‘मैं इस बात से साफ इंकार करता हूं कि मैंने ऐसे किसी पत्र पर हस्ताक्षर किया है। किसी एक देश की संप्रभुता के दायरे में आने वाले मुद्दे पर दूसरे किसी संप्रभु देश से कुछ कहना न तो मेरे चरित्र में है और न ही यह मेरी पार्टी माकपा का सिद्धांत है।’ माकपा नेता ने कहा ‘एक सिद्धांत के तहत हम भारत के अंदरूनी मामले में, उसकी संप्रभुता को कमजोर करने वाले किसी भी बाहरी हस्तक्षेप का कड़ा विरोध करते हैं और उसकी निंदा करते हैं।’ येचुरी का बयान इन खबरों के संदर्भ में आया है कि वह उन 65 संसद सदस्यों में से एक हैं जिन्होंने राष्ट्रपति बराक ओबामा को पत्र लिख कर, अमेरिकी प्रशासन की मोदी को वीजा न देने की वर्तमान नीति जारी रखने का आग्रह किया था।
माकपा नेता ने कहा कि साइबरस्पेस में यह विवाद कुछ ज्यादा जोर पकड़ रहा है। उन्होंने कहा ‘साइबर स्पेस में कई महीनों से एक संसद सदस्य के लैटरहैड पर टाइप किया हुआ, कथित हस्ताक्षर वाला पत्र चर्चा में है जिसमें हमारा राष्ट्रीय प्रतीक अशोक चक्र भी है।’ येचुरी ने कहा ‘पत्र का शीषर्क है ‘भारतीय सांसदों के नाम और हस्ताक्षर’। इसके आगे कुछ हस्ताक्षर हैं। ताज्जुब की बात है कि दूसरे कौन से देश के सांसद भारतीय संसद के लैटरहेड पर हस्ताक्षर करेंगे ? इसलिए प्रतीत होता है कि यह कट पेस्ट वाला प्रयास है।’ माकपा नेता से कल जब इस मामले में प्रतिक्रिया पूछी गई तो उन्होंने ऐसा ही बयान दिया था।
उन्होंने बताया ‘मैं अमेरिकी प्रशासन को पत्र लिखने और इस तरह कुछ करने वाला आखिरी व्यक्ति होउंगा। हम नहीं चाहते कि देश के अंदरूनी मामलों में कोई हस्तक्षेप करे। यह ऐसे मुद्दे हैं जिन्हें भारत में ही राजनीतिक रूप से सुलझाया जाना चाहिए।’ (एजेंसी)
First Published: Wednesday, July 24, 2013, 15:28