Last Updated: Tuesday, April 2, 2013, 15:46

नई दिल्ली: संयुक्त संसदीय समिति के अध्यक्ष पी सी चाको ने मंगलवार को भाजपा नेता यशवंत सिन्हा को आड़े हाथों लेते हुए उनकी ओर से प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लिखे गए पत्र को राजनीतिक नाटक और स्थापित मापदंडों के खिलाफ किया गया कार्य करार दिया। यशवंत सिन्हा ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर उनसे जेपीसी के समक्ष उपस्थित होने की अपील की थी।
सिन्हा की ओर से मनमोहन को लिखे पत्र में समिति के समक्ष उपस्थित होने की अपील के बारे में पूछे जाने पर चाको ने कहा कि जेपीसी का कोई सदस्य कैसे प्रधानमंत्री को पत्र लिख सकता है ? इस बारे में समिति को तय करना है। यह केवल राजनीतिक नाटक है और संसदीय प्रक्रिया से जुड़े मापदंडों के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि सिन्हा के पत्र की कोई प्रांसगिकता नहीं है क्योंकि मंत्रियों को बुलाने के बारे में निर्णय करना समिति का काम है, किसी व्यक्ति का नहीं।
सिन्हा के प्रधानमंत्री को गवाह के तौर पर जेपीसी के समक्ष उपस्थित होने के लिए कहे जाने के बारे में पूछे जाने पर चाको ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री चाहें भी तब भी वह जेपीसी के समक्ष उपस्थित नहीं हो सकते। यही नियम है और यह हम सब पर लागू होती है। जेपीसी प्रमुख ने कहा कि सिन्हा लोक लेखा समिति के समक्ष उपस्थित होने की प्रधानमंत्री की इच्छा का उदाहरण नहीं दे सकते ।
उन्होंने कहा कि पीएसी के समक्ष उपस्थित होने की प्रधानमंत्री की इच्छा के बावजूद उन्हें क्यों नहीं बुलाया गया ? सिन्हाजी को यह सवाल पीएसी के अध्यक्ष (मुरली मनोहर जोशी) से करना चाहिए। चाको ने कहा कि अगर जेपीसी चाहे भी तब भी वह किसी मंत्री को तब तक नहीं बुला सकती जब तक सर्वसम्मत प्रस्ताव पारित नहीं किया जाता है।
इसके बाद प्रस्ताव को लोकसभा (लोकसभा अध्यक्ष) के पास भेजा जाता है, जो इस बारे में निर्णय करते हैं। उन्होंने कहा कि गवाहों की बात सुनने की प्रक्रिया समाप्त करने के बाद समिति के सदस्यों ने उन्हें मसौदा रिपोर्ट तैयार करने के लिए अधिकृत किया। एक बार रिपोर्ट तैयार होने के बाद हम इस चर्चा करेंगे। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, April 2, 2013, 15:29