यूएस ने भारत को प्रौद्योगिकी देने को जताई प्रतिबद्धता

यूएस ने भारत को प्रौद्योगिकी देने को जताई प्रतिबद्धता

यूएस ने भारत को प्रौद्योगिकी देने को जताई प्रतिबद्धता
नई दिल्ली : अमेरिका ने बुधवार को वादा किया कि वह दोहरे उपयोग वाली प्रौद्योगिकी मुहैया कराने के लिए उपाय शुरू करेगा। अमेरिका अभी तक यह दावा करता रहा था कि उसके मानकों के कारण इस प्रकार की अत्याधुनिक वस्तुओं का निर्यात नहीं किया जा सकता।

यह आश्वासन अमेरिका के रक्षा मंत्री लियोन पेनेटा ने रक्षा मंत्री एके एंटनी के साथ एक घंटे तक हुई बैठक में दिया। बैठक में दोनों मंत्रियों ने दक्षिण एशिया और अफ-पाक क्षेत्र में सुरक्षा परिदृश्य की समीक्षा की। रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि पेनेटा ने एंटनी को आश्वासन दिया कि अमेरिका प्रौद्योगिकी मुहैया कराने के लिए उपाय शुरू करेगा।

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की विभिन्न प्रयोगशालाओं को अमेरिका द्वारा दोहरे इस्तेमाल की वस्तुएं नहीं दिया जाना दोनों पक्षों के बीच हुए विचार विमर्श का एक प्रमुख मुद्दा था।

डीआरडीओ प्रमुख वीके सारस्वत ने हाल में कहा था कि अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा का डीआरडीओ को प्रतिष्ठानों की सूची से हटाने और दोहरे उपयोग की वस्तुओं के निर्यात को सरल बनाने का आश्वासन कागज पर ही बना हुआ है।

दक्षिणी चीन सागर में चीन द्वारा अपनी नौसेना की मौजूदगी का दावा करने की पृष्ठभूमि में एंटनी ने पेनेटा से कहा कि भारत अंतरराष्ट्रीय जल क्षेत्र में सभी के लिए नौवहन की अबाधित स्वतंत्रता का पक्षधर है। उनकी यह टिप्पणी अमेरिका की इस घोषणा के बीच आई है कि वह एशिया प्रशांत क्षेत्र में अपने छह विमान वाहक पोत भेज रहा है।

एंटनी ने पेनेटा से यह भी कहा कि देशों के बीच द्विपक्षीय मुद्दों के मामले में यह जरूरी है कि संबद्ध पक्ष अपने विवादास्पद मुद्दों का समाधान अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुरुप करें। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, June 6, 2012, 18:20

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