Last Updated: Saturday, October 13, 2012, 00:08

अहमदाबाद : राजीव गांधी हत्या मामले की सफल जांच के लिए मशहूर सीबीआई के पूर्व निदेशक डी.आर. कार्तिकेयन ने इस बात से इंकार किया कि सरकार केंद्रीय जांच एजेंसी का अपने हिसाब से इस्तेमाल कर सकती है। हालांकि उन्होंने सुझाव दिया कि निदेशक पद के लिए अमेरिका जैसी नियुक्ति प्रक्रिया अपनायी जानी चाहिए।
कार्तिकेयन ने यहां निरमा विश्वविद्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम से इतर कहा, ‘दुर्भाग्य से अधिकतर राजनीतिक दलों और लोगों में यह धारणा प्रचलित है कि सत्तारुढ़ पार्टी अपने लाभ के लिए सीबीआई का इस्तेमाल करती हैं। वास्तव में यह सही नहीं है। सीबीआई स्वतंत्र एजेंसी है।’ उन्होंने कहा, ‘तो भी, मेरा विश्वास है कि लोगों का विश्वास फिर से हासिल करने और प्रभावी तरीके से कामकाज के लिए सीबीआई को और स्वतंत्रता मिलनी चाहिए। प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और विपक्ष के नेता को निदेशक पद के लिए उम्मीदवारों की सूची की छंटनी करनी चाहिए। उसके बाद उनकी एक सार्वजनिक बहस होनी चाहिए, जैसा अमेरिका में होता है।’
कार्तिकेयन ने कहा कि इस व्यवस्था के तहत कोई भी पद के लिए लॉबी नहीं कर पाएगा और सीबीआई की स्वतंत्रता एवं प्रभावी कामकाज भी सुनिश्चित हो सकेगा। उन्होंने कहा कि सीबीआई को कर्मचारियों की कमी का सामना करना पड़ रहा है और केंद्र सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए क्योंकि इस देश की सर्वश्रेष्ठ जांच एजेंसी है। कार्तिकेयन सीआरपीएफ के महानिदेशक भी रह चुके हैं। उन्होंने कहा कि प्रमुख पद संभालने वाले लोगों को सेवानिवृत्ति के बाद तीन साल तक सरकारी पद नहीं स्वीकार करना चाहिए। गुजरात की अन्य राज्यों के साथ तुलना करते हुए कार्तिकेयन ने कहा कि यहां बेहतर शासन है और बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार नहीं है। (एजेंसी)
First Published: Saturday, October 13, 2012, 00:08