Last Updated: Saturday, December 10, 2011, 03:38
ज़ी न्यूज ब्यूरो नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर राष्ट्रीय लोकदल और कांग्रेस पार्टी के बीच समझौता हो गया है। दोनों पार्टियां मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ेंगीं।
राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष अजित सिंह ने आज अपनी पार्टी को केंद्र में सत्तारुढ़ यूपीए में शामिल करने और उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव कांग्रेस के साथ गठबंधन में लड़ने का फैसला किया। अजित सिंह ने शनिवार को सोनिया गांधी से मुलाकात की और यूपीए में शामिल होने की इच्छा जताई जिसका सोनिया ने स्वागत किया। यह जानकारी मुलाकात के दौरान मौजूद वरिष्ठ कांग्रेसी नेता मोहन प्रकाश ने दी।
अजित सिंह (72) जल्द ही प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात करेंगे और संभावनाएं हैं कि वह कैबिनेट में शामिल हो सकते हैं। प्रकाश के अनुसार संप्रग के अन्य सहयोगी दलों की तरह रालोद को भी सत्ता में हिस्सेदारी मिलेगी।
प्रकाश ने कहा कि रालोद का संप्रग में शामिल होना और कांग्रेस के साथ उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव लड़ना तस्वीर बदल देगा। उन्होंने यह संकेत भी दिया कि पूर्व केंद्रीय मंत्री और सपा नेता राशिद मसूद के अलावा अन्य कई वरिष्ठ नेता भी जल्द कांग्रेस में शामिल होंगे। अटकलें हैं कि सिंह को उत्तर प्रदेश में सीट बंटवारे में 45 सीटें मिलने की संभावना है जिसकी घोषणा अगले सप्ताह हो सकती है। वर्ष 2009 के आम चुनाव के बाद रालोद संप्रग में शामिल होने वाला पहला दल है।
कांग्रेस और रालोद के बीच गठबंधन को लेकर बातचीत पिछले कुछ समय से चल रही है और कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने इसी हफ्ते उम्मीद जताई थी कि गठजोड़ जल्दी होगा। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी और अजित सिंह ने सीट बंटवारे को लेकर बातचीत की है।
वर्ष 2007 में उत्तर प्रदेश में हुए पिछले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस 21 सीटों के साथ चौथे स्थान पर रह गयी थी।प्रदेश विधानसभा में 98 विधायकों वाली भाजपा ने पहले ही घोषणा कर दी है कि वह राज्य में चुनाव पूर्व या चुनावों के बाद कोई गठबंधन नहीं बनाएगी।
हाल ही में हुए कुछ सर्वेक्षणों में उत्तर प्रदेश में सपा और बसपा को सरकार बनाने की दौड़ में आगे बताया गया है वहीं भाजपा के तीसरे स्थान पर रहने का आकलन किया गया है।
कांग्रेस-रालोद के बीच गठबंधन होने पर परिदृश्य बदल सकता है क्योंकि दोनों पार्टियां जाट, मुस्लिम और अन्य उंची जातियों के वोट हासिल करने का प्रयास कर सकती हैं। अजित सिंह ने पहले कहा था कि कांग्रेस और रालोद को हाथ मिला लेना चाहिए क्योंकि मायावती नीत बसपा सरकार को हटाने का यही रास्ता है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक दोनों पार्टियों में सीटों पर समझौता हो गया है और सिर्फ इसका औपचारिक ऐलान ही बाकी है।
किसान नेता के रूप में मशहूर अजित सिंह के पिता चौधरी चरण सिंह देश के प्रधानमंत्री रह चुके हैं। अजित सिंह इससे पहले एनडीए के भी साथी रह चुके है।
First Published: Sunday, December 11, 2011, 13:00