Last Updated: Friday, November 30, 2012, 14:59

बेंगलूरु: कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। येदियुरप्पा ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने पार्टी से अपने इस्तीफे को भाजपा अध्यक्ष नितिन गड़करी को भेज दिया है।
येदियुरप्पा ने शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से इस्तीफा देने की घोषणा करते हुए पार्टी नेतृत्व के एक धड़े पर उन्हें भाजपा से बाहर करने का षड्यंत्र करने का आरोप लगाया, जिसे उन्होंने अपनी जिंदगी के 40 साल दिए। उन्होंने अपनी पीठ में छुरा भोंकने का आरोप भी लगाया।
शहर के फ्रीडम पार्क से एक जनसभा को सम्बोधित करते हुए येदियुरप्पा ने घोषणा की कि उन्होंने अपना इस्तीफा पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी को भेज दिया है।
भाजपा को पहली बार कर्नाटक और किसी दक्षिण भारतीय राज्य में सत्ता (वर्ष 2008) में लाने वाले 69 वर्षीय येदियुरप्पा नौ दिसंबर को बेंगलुरू से 400 किलोमीटर उत्तर हावेरी में अपनी पार्टी कर्नाटक जनता पार्टी का गठन करेंगे।
भारतीय जनता पार्टी के साथ एक लंबा अरसा बिताने के बाद उसकी प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने की घोषणा कर चुके कर्नाटक में भाजपा के मजबूत नेता बीएस येदियुरप्पा शुक्रवार को पार्टी से अपने लंबे जुड़ाव को याद करके आज भावुक हो गए। हालांकि उन्होंने भाजपा नेताओं पर अपने खिलाफ ‘षड्यंत्र’ रचने आज भी निशाना साधा। आख्रिर येदियुरप्पा ने आज बीजेपी से अपने 40 साल पुराने रिश्ते को तोड़ लिया।
आंखों में आ रहे आंसुओं को रोकने की कोशिश करते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी ने मुझे सब कुछ दिया और मैंने भी पार्टी के लिए अपना सर्वस्व कुर्बान कर दिया। येदियुरप्पा ने कहा कि वह अपने (भाजपा) के ही लोगों के कारण पार्टी छोड़ रहे हैं। वे नहीं चाहते कि मैं पार्टी में बना रहूं, इसीलिए मैं पार्टी की प्राथमिक सदस्यता और विधायक पद से भी इस्तीफा दे रहा हूं।
येदियुरप्पा पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से अपना इस्तीफा फैक्स से भेजा। येदियुरप्पा ने कहा कि (भाजपा में) कुछ लोग नहीं चाहते थे कि मैं मुख्यमंत्री बनूं। वे मुझे किनारे लगाना चाहते थे। मैं पिछले एक साल से काफी धर्य के साथ इसकी अनदेखी कर रहा था। उन्होंने कहा कि मैं काफी दुख के साथ पार्टी छोड़ रहा हूं। किसी भी व्यक्ति का नाम लिये बगैर उन्होंने कहा कि राज्य के कुछ नेताओं ने ‘मेरी पीठ में छूरा भोंका है।’
येदियुरप्पा ने कहा कि पिछले साल पार्टी ‘हाई कमान’ के निर्देश पर उन्होंने पार्टी के ‘अनुशासित सिपाही’ की तरह मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने कहा कि उन्होंने मेरी अच्छाई को मेरी कमजोरी समझ लिया। उन्होंने बताया कि नौ दिसंबर को हावेरी में एक सार्वजनिक जनसभा में वे औपचारिक रूप से कर्नाटक जनता पक्ष में शामिल होंगे।
येदियुरप्पा ने जगदीश शेट्टार सरकार में शामिल अपने समर्थक विधायकों और मंत्रियों से अपील की है कि वे इस्तीफा नहीं दें ताकि सरकार अपना कार्यकाल पूरा कर सके । उन्होंने कहा कि वह सरकार को अस्थिर नहीं करना चाहते। उन्होंने कहा कि मैंने उनसे कुछ समय के लिए इस्तीफा नहीं देने के लिए कहा है। येदियुरप्पा ने कहा कि उन्होंने किसी स्वार्थ के कारण भाजपा नहीं छोड़ी है। वह कर्नाटक को एक मॉडल और कल्याणकारी राज्य के तौर पर विकसित करना चाहते हैं।
70 वर्षीय लिंगायत नेता को कर्नाटक में भाजपा को सत्ता में लाने का श्रेय जाता है । यह भाजपा की दक्षिण में पहली सरकार थी। भाजपा शीर्ष नेतृत्व ने येदियुरप्पा को पार्टी से इस्तीफा देने से रोकने का प्रयास किया था लेकिन असफल रहे। फिर से मुख्यमंत्री पद दिए जाने और नहीं तो कम से कम उन्हें राज्य इकाई का पार्टी प्रमुख बनाये जाने की मांग को भाजपा द्वारा अस्वीकार किये जाने के बाद वह ज्यादा आक्रामक हो गए थे। (एजेंसी)
First Published: Friday, November 30, 2012, 09:05