Last Updated: Friday, April 20, 2012, 10:10
ज़ी न्यूज ब्यूरो नई दिल्ली : कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को शीर्ष कोर्ट ने भारी झटका दिया है। येदियुरप्पा के खिलाफ अब सीबीआई जांच की सिफारिश की गई है। यह सिफारिश अवैध खनन के मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त सेंट्रल इम्पावर्ड कमिटी (सीईसी) ने की है। आरोप यह है कि एक खनन कंपनी की ओर से येदिुयरप्पा के परिजनों को कथित तौर लाभ पहुंचाया गया है। उनके परिवार से जुड़े ट्रस्ट के खिलाफ भी जांच की सिफारिश की गई है।
रिपोर्ट के अनुसार, सीईसी ने कहा है कि येदियुरप्पा के पारिवारिक सदस्यों को एक खनन कंपनी की ओर से छह करोड़ रुपये दिया गया है। इस समिति का गठन कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में अवैध खनन और इससे संबंधित भ्रषटाचार केसों की जांच के लिए किया गया था।
येदियुरप्पा के खिलाफ आरोप यह है कि प्रवीण चंद्रा नाम के एक खनन ऑपरेटर ने येदियुरप्पा के दामाद आरएन सोहन कुमार द्वारा संचालित एक फर्म को 2.5 करोड़ रुपये और उनके भाई बीवाई राघवेंद्र और विजयेंद्र के मालिकाना हक वाले एक फर्म को 3.5 करोड़ रुपये लाइसेंस प्रदान करने में मदद के तौर पर दिया। गौर हो कि राघवेंद्र कर्नाटक से भाजपा सांसद हैं।
विजयेंद्र का कहना है कि सीईसी रिपोर्ट में इस बात का जिक्र है कि प्रवीण चंद्रा का खनन कारोबार पूरी तरह वैध और जन हित में है। इसके मद्देनजर उक्त चेकों के लेनदेन की जांच होनी चाहिए। गौर हो कि समाज परिवर्तन समुदाय नामक एक एनजीओ ने यह आरोप लगाया है और केंद्रीय जांच एजेंसी से इस मामले की जांच करवाने की मांग की है। वहीं एक वक्तव्य में विजयेंद्र ने कहा कि उनके पिता येदियुरप्पा ने प्रवीण को कोई लाइसेंस नहीं दिया।
First Published: Saturday, April 21, 2012, 11:29