Last Updated: Sunday, April 21, 2013, 14:23
नई दिल्ली : दिल्ली में पिछले वर्ष युवती से सामूहिक बलात्कार और कुछ दिन पहले पांच वर्षीय बच्ची से बलात्कार की जघन्यतम घटना पर देशभर में उपजे जनाक्रोश के बीच राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने कहा है कि उसने ऐसे मामलों की निगरानी और उस पर कार्रवाई के लिए ‘‘ यौन अपराध निगरानी प्राकोष्ठ’’ बनाया है।
एनसीपीसीआर की अध्यक्ष शांता सिन्हा ने कहा, ‘‘ पिछले तीन वषरे में आयोग के समक्ष बच्चों से जुड़े यौन अपराध से संबंधित करीब 500 शिकायतें मिली है और आयोग इसपर नजर रखने के साथ उचित कार्रवाई भी कर रही है। हम यह भी पता लगा रहे हैं कि यह घटना कहां, कैसे हुई और इन पर क्या कार्रवाई हुई। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘बच्चों से जुड़े यौन अपराधों की घटनाएं बढ़ने के साथ आयोग ने ‘यौन अपराध निगरानी प्रकोष्ठ’ बनाया है। इस प्रकोष्ठ का गठन बच्चों को यौन अपराधों से संरक्षण के लिए बनाये गए कानून के प्रावधानों के तहत किया गया है। इसमें एनसीपीसीआर को ऐसी घटनाओं की निगरानी की जिम्मेदारी सौंपी गई है।’’ एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि पिछले चार वषरे में बच्चों के खिलाफ अपराध एवं यौन उत्पीड़न की घटनाओं में 117 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। इस तरह के सबसे अधिक मामले क्रमश: उत्तरप्रदेश और दिल्ली में सामने आए है।
शांता सिन्हा ने कहा कि हम बच्चों की सुरक्षा एवं उनसे जुड़े विषयों के बारे में राज्यों के मुख्य सचिवों पुलिस अधिकारियों और गृह मंत्रालय को नियमित रूप से लिखते हैं और उनसे सम्पर्क में रहते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ ऐसे मामलों में वृद्धि को देखते हुए हम आयोग में विशेषज्ञों और वकीलों को शामिल करने की प्रक्रिया में हैं जो हमें इन विषयों पर सलाह दे सके और ऐसे मामलों में पीड़ितों की मदद की जा सके।’’ एनसीपीसीआर की अध्यक्ष ने बताया कि आयोग पिछले तीन.चार महीने से इस काम में लगा हुआ है। इसी पहल के जरिये हमने दिल्ली सामूहिक बलात्कार मामले के बाद गठित न्यायमूर्ति वर्मा समिति के समक्ष विभिन्न विषयों को रखा थ।
शिक्षा के अधिकार कानून का विभिन्न राज्यों में उल्लंधन किये जाने और आयोग में करीब 75 प्रतिशत शिकायतों का निपटारा नहीं किये जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि आयोग शिक्षा के अधिकार कानून के अनुपालन पर पूरा ध्यान दे रहा है। ऐसे मामलों में शिकायतें आती है और इनका निपटारा करने की पूरी कोशिश की जाती है। उन्होंने कहा कि आरटीई के संबंध में जिन मामलों के लंबित होने की बात कही गई है, उन पर अभी कार्रवाई जारी है और शेष मामले कार्रवाई के बाद बंद कर दिये गए हैं। (एजेंसी)
First Published: Sunday, April 21, 2013, 14:23