Last Updated: Saturday, May 26, 2012, 22:20
ज़ी न्यूज ब्यूरोनई दिल्ली : थलसेना प्रमुख जनरल वी के सिंह ने 26 महीनों के अपने विवादास्पद कार्यकाल पूरा होने के पांच दिन पहले आज रक्षा मंत्रालय की आलोचना करते हुए कहा कि उन्हें फंसाने के लिए चुनिंदा दस्तावेज लीक किए गए।
विभिन्न टीवी चैनलों को दिए साक्षात्कार में जनरल सिंह ने अपनी उम्र से जुड़े विवाद में उच्चतम न्यायालय के फैसले पर भी अपनी अप्रसन्नता नहीं छिपायी। उन्होंने इस क्रम में फैसला सुनाने वाले दो न्यायाधिशों में से न्यायमूर्ति आर एम लोढा की हवा के रूख के साथ चलने संबंधी उस टिप्पणी का भी परोक्ष रूप से जिक्र किया।
न्यायमूर्ति लोढ़ा ने वास्तव में टिप्पणी की थी, वे लोग बुद्धिमान हैं जो हवा के रूख के साथ चलते हैं। आप जैसा अधिकारी पाकर हमें गर्व है। इसका श्रेय आपको जाना चाहिए।
जनरल सिंह ने कहा कि उन्होंने उम्र संबंधी मामले में अपनी याचिका वापस ले ली क्योंकि उच्चतम न्यायालय ने कोई फैसला नहीं दिया। उन्होंने बीच-बचाव करने का प्रयास किया। उसके बाद मैंने महसूस किया कि आप व्यवस्था से लड़ रहे हैं।
अपने साक्षात्कारों में जनरल सिंह ने कहा कि सिर्फ लाबी ही उनके खिलाफ काम नहीं कर रही थी बल्कि कुछ लोग उन लोगों को बचाने का प्रयास कर रहे थे जो मूल रूप से गलत काम कर रहे हैं। रक्षा मंत्रालय का जिक्र करते हुए जनरल सिंह ने कहा कि उनकी उम्र के संबंध में कुछ दस्तावेज अवैध तरीके से जारी किए गए। कुछ दस्तावेज जो आरटीआई के तहत नहीं जारी किए जाने थे, उन्हें भी सार्वजनिक कर दिया गया। इनमें से कुछ ऐसे दस्तावेज भी थे जिन्हें मंत्रालय ने अति गोपनीय करार दिया था। जोर देकर यह पूछने पर सूचना कौन सार्वजनिक कर रहा था, उन्होंने मंत्रालय का नाम लिया।
यह पूछे जाने पर कि क्या वह यह कह रहे हैं कि उन्हें फंसाने के लिए चुनिंदा सूचना सार्वजनिक की जा रही थी, जनरल सिंह ने कहा, बिल्कुल। उन्होंने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लिए उस पत्र के लीक होने पर भी अपनी नाराजगी नहीं छिपायी जिसमें सेना की कमियों का जिक्र किया गया था। (एजेंसी)
First Published: Saturday, May 26, 2012, 22:20