Last Updated: Tuesday, February 12, 2013, 19:13

नई दिल्ली : इतालवी कंपनी के साथ 3600 करोड़ रुपये के रक्षा हेलीकॉप्टर सौदे में हुए कथित घोटाले में इटली के मिलान शहर में कंपनी प्रमुख की गिरफ्तारी से नया मोड़ आ गया है और यहां सरकार को सीबीआई जांच का आदेश देना पड़ा है।
इटली की समाचार एजेंसी अंसा ने अपनी खबर में कहा, ‘‘इतालवी रक्षा एवं वैमानिकी कंपनी ‘फिनमेकेनिका’ के प्रमुख जिउसेप्पे ओरसी को अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार की जांच के सिलसिले में सोमवार को गिरफ्तार कर लिया गया । संदेह है कि वह भारत सरकार को ‘फिनमेकेनिका’ की सहायक कंपनी ‘अगस्तावेस्टलैंड’ द्वारा निर्मित 12 हेलीकॉप्टर बेचे जाने के संबंध में रिश्वत देने के मामले में शामिल थे ।’’ एजेंसी के अनुसार अभियोजकों को संदेह है कि ‘अगस्तावेस्टलैंड’ को सौदा दिलाने के लिए करीब पांच करोड़ यूरो (लगभग 362 करोड़ रुपये) सौदे की करीब 10 प्रतिशत राशि रिश्वत में दी गई ।
फरवरी 2010 में भारत ने अपनी वायु सेना की कम्यूनिकेशन स्क्वाड्रन के लिए ‘अगस्तावेस्टलैंड’ से तीन इंजन वाले बारह एडब्ल्यू-101 हेलीकॉप्टर हासिल करने के लिए एक करार पर दस्तखत किए थे । वायु सेना की यह विशिष्ट स्क्वाड्रन राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और अन्य विशिष्ट व्यक्तियों की सेवा में तैनात है ।
इतालवी कंपनी के प्रमुख की गिरफ्तारी की खबर यहां पहुंचने के तुरंत बाद रक्षा मंत्री एके एंटनी ने मामले में सीबीआई जांच के आदेश दे दिए । मंत्रालय ने कहा कि उसने इटली और ब्रिटिश सरकार से सूचना मांगी थी, लेकिन आरोपों को प्रमाणित करने वाली ‘‘कोई विशिष्ट जानकारी’’ नहीं मिली ।
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘क्योंकि दोनों सरकारों से कोई विशिष्ट जानकारी नहीं मिली है, इसलिए रक्षा मंत्रालय ने जांच के लिए मामला सीबीआई के पास भेजने का फैसला किया है ।’’ इतालवी कंपनी ने करोड़ों के इस सौदे को हासिल करने में अमेरिकी कंपनी ‘सिकोरस्काई’ को पछाड़ दिया था । सौदे को वित्त मंत्रालय की शुरुआती आपत्तियों के बावजूद सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडल समिति (सीसीएस) ने 2010 में मंजूरी दे दी थी ।
एंटनी ने तब कहा था, ‘‘भारतीय वायु सेना और एसएपीजी ने हमसे बार बार कहा कि बदलते सुरक्षा परिदृश्य को देखते हुए हेलीकॉप्टरों की जरूरत है..बाद में वित्त मंत्रालय भी सहमत हो गया था । सीसीएस ने तब सुविचारित फैसला किया था । ’’ इतालवी मीडिया में सौदा हासिल करने के लिए रिश्वत देने के मामले में यूरोप में दो कथित बिचौलियों की गिरफ्तारी की खबरों के बाद 2010 में हुआ यह सौदा एक साल से अधिक समय से जांच के दायरे में था ।
बारह ‘अगस्तावेस्टलैंड’ वीवीआईपी हेलीकॉप्टरों में से तीन पहले ही भारत पहंच चुके हैं । इस घटनाक्रम के बाद रक्षा मंत्रालय ने शेष नौ हेलीकॉप्टरों की प्राप्ति को स्थगित करने का फैसला किया है ।
गिरफ्तारी के बाद इतालवी कंपनी ने एक बयान में कहा कि ‘‘फिनमेकेनिका अपने अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी के प्रति समर्थन व्यक्त करती है । इसने न्यायाधीशों में अपना विश्वास व्यक्त करते हुए उम्मीद व्यक्त की कि सचाई जल्द सामने आएगी ।’’ (एजेंसी)
First Published: Tuesday, February 12, 2013, 16:56