रमेश ने संगमा को लिया आड़े हाथ

रमेश ने संगमा को लिया आड़े हाथ


भुवनेश्वर : राष्ट्रपति पद के संप्रग उम्मीदवार प्रणव मुखर्जी पर ‘कीचड़ उछालने’ के लिए विपक्षी उम्मीदवार पीए संगमा एवं उनके चुनाव प्रबंधकों को आड़े हाथों लेते हुए केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने गुरुवार को सार्वजनिक जीवन में ‘शुचिता’ की कमी पर खेद व्यक्त किया।

रमेश ने संवाददाताओं से कहा कि भाजपा और संगमा के चुनाव प्रबंधक जिस तरह मुखर्जी पर कीचड़ उछालने की कोशिश कर रहे हैं। उसकी जितनी भर्त्सना की जाए कम है । यह असल में निन्दनीय है । सार्वजनिक जीवन में कुछ शुचिता होनी चाहिए। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री यहां संयुक्ता एवं रघुनाथ पाणिग्रही पुरस्कार तथा संगीत एवं नृत्य समारोह में शामिल होने आए थे।

राष्ट्रपति चुनाव में धर्म एवं जाति के कारक के बारे में पूछे जाने पर रमेश ने कहा कि हम भारत को इस तरह नहीं बांट सकते..जाति, धर्म या भाषा या जातीय समुदाय के आधार पर। हमारा एक भारत है, लेकिन हमें ऐसे भारतीय उत्पन्न करने की आवश्यकता है जिन्हें अपने देश पर गर्व हो। इस बात को स्वीकार करते हुए कि भारतीयों के निश्चित तौर पर जाति, मजहब, भाषा, जातीय समुदाय जैसे पहचान प्रतीक हैं, रमेश ने कहा कि राजनीति को इन चीजों से परे होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से हमारे देश में राजनीति हमारे समाज को बांट रही है। हमारा लोकतंत्र का एक पुंज होना चाहिए। हमें लोगों को जोड़ना चाहिए, न कि बांटना। चुनाव में दो उम्मीदवार होने के मुद्दे पर रमेश ने कहा कि दोनों ही अच्छे व्यक्ति हैं। रमेश ने कहा कि बेहतर होता यदि प्रणब मुखर्जी के स्तर, प्रतिष्ठा और भारतीय राजनीति में उनके योगदान पर विचार करते हुए उन्हें सर्वसम्मति से चुना जाता।

ओड़िशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक द्वारा संगमा को आदिवासी नेता बताकर उनके लिए वोट मांगने के मुद्दे पर रमेश ने कहा कि खुद को अचानक से आदिवासी कल्याण और आदिवासी हितों का मसीहा समझने वाले ओडिशा के नेताओं से मैं अपील करना चाहूंगा कि आदिवासी मुद्दों का समर्थन करने का सबसे बढ़िया रास्ता यह है कि आदिवासी कल्याण कार्यक्रम, खासकर स्वास्थ्य के लिए जमीनी स्तर पर कुछ काम किया जाए। (एजेंसी)

First Published: Thursday, July 5, 2012, 15:15

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