Last Updated: Wednesday, July 10, 2013, 17:54
नई दिल्ली : केंद्रीय सूचना आयोग ने राजीव गांधी हत्याकांड मामले में सजायाफ्ता ए.वी. पेरारीवालन का आवेदन खारिज कर दिया है जिसमें उसने उन रिकार्ड्स की मांग की जिनमें उसकी दया याचिका को खारिज करने के कारणों का जिक्र है।
याचिका का विरोध करते हुए गृह मंत्रालय ने दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश का उद्धरण दिया जिसमें तत्कालीन राष्ट्रपति के.आर. नारायणन और तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के बीच संवाद के खुलासे से मनाही की गई है। मंत्रालय ने कहा कि आरटीआई अधिनियम भारत के संविधान से ऊपर नहीं हो सकता। उच्चतम न्यायालय के निर्णय के मुताबिक संविधान के अनुच्छेद 72 के तहत मंत्रियों द्वारा राष्ट्रपति को दिए गए सुझाव पर किसी भी अदालत में सवाल नहीं खड़े किए जा सकते।
बहरहाल गृह मंत्रालय की तरफ से उद्धृत कोई भी मामला उन सामग्रियों के खुलासे से संबंधित नहीं है जिसके आधार पर मौत की सजा पाए व्यक्ति की दया याचिका पर राष्ट्रपति ने निर्णय किए। अपने आरटीआई आवेदन में पेरारीवालन संविधान के अनुच्छेद 72 के तहत दायर दया याचिका को खारिज करने का कारण जानना चाहता था।
पेरारीवालन की याचिका को खारिज करते हुए सूचना आयुक्त सुषमा सिंह ने कहा, ‘इस मामले में मंत्रिपरिषद की ओर से दी गई सलाह को शुरू में कारण के रूप में रिकार्ड किया जाता है जो संविधान के अनुच्छेद 74 (2) के तहत संरक्षित है। दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के मुताबिक आरटीआई अधिनियम भी संविधान से जुड़ा हुआ है।’ (एजेंसी)
First Published: Wednesday, July 10, 2013, 17:54