राज्यसभा में एफडीआई पर चर्चा गुरुवार को

राज्यसभा में एफडीआई पर चर्चा गुरुवार को

नई दिल्ली: राज्यसभा में गुरुवार को बहुब्रांड खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) पर चर्चा शुरू होगी। बुधवार को समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सांसदों ने अपनी-अपनी मांगों को लेकर हंगामा किया जिसके कारण सदन की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित करनी पड़ी। इसे देखते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सहित विपक्ष को कल चर्चा के दौरान हंगामे के आसार हैं, जहां सरकार के पास पर्याप्त संख्या बल नहीं है। भाजपा नेता अरुण जेटली ने आरोप लगाया कि केंद्र की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार और इसे समर्थन देने वाली पार्टियां जानबूझकर राज्यसभा की कार्यवाही बाधित कर रही हैं और इसकी वजह खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेशी (एफडीआई) पर राज्यसभा में मतदान को लेकर सरकार के पास पर्याप्त संख्या बल का नहीं होना है। भाजपा ने कहा कि अब इस बात पर भी शंका है कि सरकार गुरुवार को सदन में खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) पर चर्चा होने देगी।

राज्यसभा में विपक्ष के नेता जेटली ने संवाददाताओं से कहा कि पहले दिन से ही सरकार खासकर राज्यसभा में कामकाज को लेकर गम्भीर नहीं है।

जेटली ने कहा कि मुझे लगता है कि सरकार इस बात को लेकर अनिश्चित है कि राज्यसभा में किस तरह मतदान होगा। इसलिए वह सदन की कार्यवाही नहीं चलने दे रही। मुझे संदेह है कि सत्तारूढ़ पार्टी तथा इसके समर्थक गुरुवार को भी एफडीआई पर बहस होने देंगे या नहीं?राज्यसभा में चर्चा एवं मतदान नियम 167 एवं 168 के तहत होगी।

सरकार को 244 सदस्यीय सदन में एफडीआई पर विपक्ष के प्रस्ताव को खारिज करने के लिए बहुमत के लिए 123 मतों की जरूरत होगी।

कांग्रेस एवं उसके सहयोगियों की संख्या 89 ही पहुंचती है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद), लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा), बोडोलैंड पीपल्स फ्रंट, नागालैंड पीपल्स फ्रंट और सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट के कुल छह सदस्य सरकार का समर्थन कर रहे हैं। इस प्रकार सदन में सरकार के पक्ष में कुल आंकड़ा 96 तक ही पहुंचता है।

भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के कुल 65 सदस्य हैं। इसके अलावा वामदलों के 14 एवं तृणमूल कांग्रेस के नौ सदस्य भी विपक्ष के साथ हैं।

उम्मीद की जा रही है कि बीजू जनता दल के सात, असम गण परिषद के दो, एआईएडीएमके के पांच एवं तेदेपा के पांच सदस्य भी सरकार के विरोध में मतदान करेंगे। इसे मिलाकर विपक्षी सदस्यों की संख्या 107 पहुंच जाती है।

यद्यपि सपा (15) एवं बसपा (नौ) ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं और लगातार सदन की कार्यवाही में बाधा पहुंचा रहे हैं। सपा नेता रामगोपाल यादव ने पिछले हफ्ते कहा था कि राज्यसभा में पार्टी एफडीआई के खिलाफ मत देगी। हालांकि पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने कहा कि इस बारे में सही वक्त आने पर निर्णय लिया जाएगा।

सपा एवं बसपा अगर सदन से बहिर्गमन करती भी हैं तो सरकार को इससे राहत नहीं मिलने वाली। सदन में 10 मनोनीत एवं सात निर्दल सदस्य हैं। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, December 5, 2012, 19:38

comments powered by Disqus