राज्यसभा में गड़बड़ा सकता है सरकार का गणित

राज्यसभा में गड़बड़ा सकता है सरकार का गणित

नई दिल्ली : खुदरा कारोबार में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के मुद्दे पर विपक्षी दलों की ओर से मतविभाजन के प्रावधान वाले नियम के तहत लाए जाने प्रस्ताव पर सरकार का आंकड़ों का गणित गड़बड़ा सकता है।

यहां तक कि बाहर से समर्थन दे रहे कुछ राजनीतिक दलों के आंकड़ें भी जोड़ लिए जाएं तो उसका सफर अधूरे पर ही समाप्त होता दिख रहा है। 244 सदस्यीय राज्यसभा में सरकार को विपक्ष के प्रस्ताव को गिराने के लिए कम से कम 123 सदस्यों के समर्थन की जरूरत होगी।

कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि संप्रग के पास कुल 90 सदस्यों का समर्थन है। इसके अलावा उसे बहुजन समाज पार्टी (बसपा), समाजवादी पार्टी (सपा), राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और लोकजनशक्ति पार्टी (लोजपा) के 27 सदस्यों का बाहर से समर्थन हासिल है। राज्यसभा में सात निर्दलीय और 10 नामित सदस्य भी हैं। ऐसे में जाहिर तौर पर सरकार की नजर इन पर रहेगी।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं के मुताबिक 13 दलों के 106 सदस्य सरकार के खिलाफ मतदान करेंगे। विपक्षी दल भी निर्दलीय और कुछ छोटे दलों के समर्थन पर नजर गड़ाए हुए हैं। सपा के राज्यसभा में नौ सदस्य हैं और वह यदि सरकार के खिलाफ वोट करती है तो उसका आंकड़ा गड़बड़ हो सकता है।

सपा महासचिव रामगोपाल यादव ने कहा है कि पार्टी राज्यसभा में सरकार के खिलाफ मत डालेगी और लोकसभा में उसका समर्थन करेगी जबकि पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने कहा है कि सही मौके पर पार्टी अपना फैसला करेगी। यहां तक कि यदि सपा और बसपा मतविभाजन में भाग नहीं भी लेती हैं तो सरकार के लिए स्थिति सुखद नहीं होगी। (एजेंसी)

First Published: Friday, November 30, 2012, 09:45

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