Last Updated: Monday, May 21, 2012, 10:03
नई दिल्ली: संसद के मौजूदा बजट सत्र के दौरान लोकपाल विधेयक राज्यसभा में पेश किया जाएगा। विधेयक को सोमवार को सदन की कार्यवाही की सूची में शामिल किया गया है। लेकिन टीम अन्ना ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा है कि वह सिर्फ खानापूर्ति करने के लिए इसे सदन में पेश करने जा रही है। ऐसे में जबकि बजट सत्र को समाप्त होने में केवल दो दिन शेष हैं, सरकार ने इसे सोमवार को सदन की कार्यवाही की अनुपूरक सूची में शामिल किया है। विधेयक पर अभी कोई सहमति नहीं बन पाई है।
विधेयक में संशोधन किए जाने के बावजूद कुछ बिंदुओं पर विवाद बरकरार है। उदाहरण के लिए, विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को अब भी इस बात को लेकर आपत्ति है कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सरकार से स्वतंत्र नहीं बनाया जा रहा।
सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय कार्मिक एवं लोक शिकायत मंत्री वी. नारायणसामी तथा संसदीय कार्य राज्य मंत्री राजीव शुक्ला ने विधेयक पर सहमति बनाने की कोशिशों के मद्देनजर सोमवार सुबह राज्यससभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली से सोमवार को मुलाकात की, लेकिन सहमति की कोशिशें नाकाम रहीं।
इस बीच, केंद्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने संवाददाताओं से कहा कि मुझे उम्मीद है कि लोकपाल विधेयक संसद सत्र के अगले दो दिन में राज्यसभा में पेश किया जाएगा। अंतिम निर्णय मंत्रिमंडल द्वारा लिया जाना है।
वहीं, टीम अन्ना ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा है कि ऐसे में जबकि संसद की कार्यवाही समाप्त होने में केवल दो दिन बचे हैं, सरकार केवल खानापूर्ति करने के लिए इसे राज्यसभा में पेश करने जा रही है।
टीम अन्ना की सदस्य किरण बेदी ने ट्विटर पर लिखा कि नया विधेयक लोगों को गुमराह करने, खानापूर्ति करने और विपक्षी दलों पर जिम्मेदारी थोपने के उद्देश्य से पेश किया जा रहा है। लोकपाल विधेयक पर शुक्रवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में विचार किया जाना था, लेकिन इसे एजेंडे से हटा दिया गया था।
(एजेंसी)
First Published: Monday, May 21, 2012, 15:35