Last Updated: Wednesday, September 5, 2012, 17:40

नई दिल्ली: राज्यसभा में पदोन्नति में आरक्षण से जुड़े संविधान संशोधन विधेयक को पेश किये जाने के दौरान सपा और बसपा सदस्यों के बीच हुई धक्का-मुक्की को सरकार ने ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ करार दिया।
कार्मिक राज्य मंत्री नारायणसामी ने उच्च सदन में संविधान संशोधन विधेयक पेश किये जाने के बाद संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘जब मैंने लोकपाल विधेयक शीतकालीन सत्र में पेश किया था तब भी सदन में इस तरह की स्थिति का सामना करना पड़ा था।’’ शीतकालीन सत्र में राज्यसभा में राजद के एक सदस्य ने लोकपाल विधेयक की प्रति फाड़ दी थी।
मंत्री ने आज राज्यसभा में विधेयक रखे जाते समय के घटनाक्रम का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘मुझे पता था कि वे मेरे पास आ सकते हैं इसलिए मैं कोई कागज नहीं लाया था।’’ उन्होंने आज बिना पढ़े उक्त विधेयक सदन में पेश किया।
नारायणसामी ने कहा कि विधेयक को पेश करना एक ऐतिहासिक क्षण था क्योंकि इससे अनुसूचित जाति-जनजाति के लोगों पदोन्नति में आरक्षण में मदद मिलेगी।
प्रस्तावित विधेयक पर सपा के विरोध के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि सपा विधेयक के खिलाफ थी और आज भी सदन में वही रुख दिखाई पड़ा।
मायावती द्वारा कांग्रेस पर विधेयक को लटकाने का आरोप लगाये जाने के बारे में पूछने पर नारायणसामी ने कहा, ‘‘हमने सारे प्रयास किये। किसी तरह की विलंब करने की रणनीति नहीं है। अगर कोई नेता राजनीति के लिए ऐसा कहे तो मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं करुंगा।’’ (एजेंसी)
First Published: Wednesday, September 5, 2012, 17:40