राफेल विमान के सौदे में हो सकती है देर

राफेल विमान के सौदे में हो सकती है देर

नई दिल्ली : भारत और फ्रांसीसी कंपनी डेसौल्ट एविएशन के बीच ठेके की कुछ शर्तों को लेकर मतभेद होने के चलते 126 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद के सबसे बड़े रक्षा सौदे में देर हो सकती है। डेसौल्ट ने सौदे के लिए दो अलग-अलग अनुबंधों पर हस्ताक्षर किए जाने की इच्छा जताई है जिसके तहत 18 का निर्माण फ्रांस में किया जाएगा जबकि अन्य 108 को हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स :एचएएल: भारत में तैयार करेगा।

सूत्रों ने यहां बताया कि हालांकि, मंत्रालय इस मांग से सहमत नहीं है और उसने इस बात से डेसौल्ट को अवगत करा दिया है। इन सभी पहलुओं का आरपीएफ दस्तावेज में स्पष्ट जिक्र है और इससे हटना संभव नहीं है। यहां दोनों पक्षों के बीच अनुबंध वार्ता समिति की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा होने की उम्मीद है।

इस सौदे का न्यूनतम मूल्य 10 अरब डॉलर है और विमानों के लिए भारत द्वारा अदा की जाने वाली रकम के लिए ठेके से जुड़ी वार्ताएं जारी हैं। राफेल लड़ाकू विमान को 2012 में चयनित किये जाने के तुरंत बाद से ही डेसौल्ट एविएशन मध्यम दूरी के लड़ाकू विमान (एम-एमआरसीए) के लिए अनुबंध में एचएएल की क्षमताओं और भूमिका के बारे में सवाल उठा रहा है।

हाल ही में डेसौल्ट एविएशन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एरिक ट्रैपियर ने कहा था कि एचएएल इसमें उसका साझेदार होगा और इस मुद्दे पर कोई भ्रम नहीं है। डेसौल्ट ने रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के साथ एक समझौता पत्र पर भी हस्ताक्षर किया है। इस सौदे की दौड़ में राफेल के अलावा अमेरिका के एएफ 16, एफ-18, रूसी मिग 35 और यूरोपीय यूरोफाइटर सहित पांच विमान कंपनियां थी। (एजेंसी)

First Published: Friday, April 5, 2013, 22:58

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