Last Updated: Monday, November 12, 2012, 23:08

मेरठ : योग गुरू स्वामी रामदेव यहां सिवाया टोल प्लाजा पर पिछले 13 दिन से चल रहे भाकियू के धरना कार्यक्रम स्थल पर किसानों को संबोधित करते हुये कांग्रेस पर फिर एक बार निशाना साधा।
उन्होंने कहा कि हमसे हमारे ट्रस्ट का हिसाब मांगा जा रहा है। ट्रस्ट का हिसाब-किताब 18-20 साल का दे रखा है जिसके बाद भी हम पर सौ से ज्यादा नोटिस और 100 से ज्यादा केस कर दिये गये हैं। योग गुरू ने कहा कि अभी तक केन्द्र सरकार उन पर किसी भी तरह की अनियमितता और भ्रष्टाचार साबित नहीं कर पाये हैं ।
उन्होंने कहा कि अंतिम सांस तक यह साबित भी नहीं कर पायेंगे । उन्होंने कांग्रेस पर पलटवार करते हुये कहा कि यह ट्रस्टों के नाम से जितनी जमीन लेकर बैठे हैं। राजीव गांधी फाउंडेशन से लेकर तमाम हजारों-लाखों करोड़ की संपति इन्होंने बना रखी हैं।
उन्होंने वर्तमान केन्द्र सरकार को राजनीति का डूबता हुआ जहाज बताते हुये कहा कि यह तो खत्म हो चुकी है औेर जो इसमें सवार होगा वह भी डूबेगा । उन्होंने कहा कि ममता तो इस सरकार से धोखा खा कर ममता तोड़ चुकी है ।
योग गुरू ने मुलायम सिंह और मायावती को भी इस सरकार के प्रति कठोर हो जाने की सलाह दी । मेरठ में टोल प्लाजा पर चल रहे भाकियू के आंदोलन का समर्थन करते हुये योग गुरू ने कहा कि टोल टैक्स के नाम अवैध बसूली बंद होनी चाहिये।
रामदेव ने बाद में संवाददाताओं के सवालों के जवाब में कहा कि देश के करोड़ों लोगों ने देश-संस्कृति, धर्म की सेवा के लिये जो उनके ट्रस्ट को दान दिया है उसको इन्कम बता कर उस पर टैक्स लगा कर सरकार ने करोड़ों लोगों की भावनाओं और आस्थाओं पर प्रहार किया है । उन्होंने कहा कि हम इसके खिलाफ न्यायालय में जायेंगे । योग गुरू ने कहा कि एफडीआई काले धन की चाबी है । उन्होंने कहा कि करीब 20 लाख करोड़ रुपये एफडीआई के माध्यम से आया है । जिसमें कम से कम 80 फीसदी काला धन है । उन्होंने कहा कि एफडीआई के मूल मालिकों का पता लगना चाहिये।
अगले लोकसभा चुनाव का जिक्र करते हुये योग गुरू ने कहा कि इस बार किसान और हिन्दुस्तान के बारे में सोचने वाला प्रधानमंत्री बनना चाहिये। अन्ना से अलग होकर राजनीति में कदम रखने वाले अरविन्द केजरीवाल का नाम लिये बगैर योग गुरू ने अपना उदाहरण देते हुये कहा कि 10-20 साल जमीनी स्तर पर काम करने से लोगों का भरोसा खड़ा होता है । आसान तरीके से जो लोग राजनीति में शिखर पर पहुंचना चाहते हैं उन्हें हिम्मत और धर्य रखकर पहले जमीनी स्तर पर काम करना चाहिये। (एजेंसी)
First Published: Monday, November 12, 2012, 23:08