Last Updated: Monday, November 21, 2011, 15:56
नई दिल्ली : योगगुरु बाबा रामदेव और उनके समर्थकों पर कुछ सप्ताह पहले रामलीला मैदान में आधीरात में हुई कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा है कि कार्रवाई के लिए सुबह तक इंतजार क्यों नहीं किया गया।
न्यायमूर्ति बीएस चौहान और न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की पीठ ने कहा कि स्पष्ट कीजिए कि क्या बल प्रयोग न्यायोचित था। किन परिस्थितियों में कार्रवाई हुई और पुलिस लोगों से स्थान छोड़ने के लिए कहने के लिहाज से सुबह तक इंतजार क्यों नहीं कर सकी। अदालत ने शुक्रवार तक दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा है।
पीठ ने टिप्पणी उस वक्त की जब रामदेव के भारत स्वाभिमान ट्रस्ट की ओर से वकील राम जेठमलानी ने दलील दी कि चार-पांच जून की मध्य रात को हुई कार्रवाई शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन का दमन करने की कोशिश थी। जेठमलानी ने घटना की तुलना जर्मनी में नाजी शासकों के समय हुए अत्याचारों से की और गृहमंत्री पी. चिदंबरम पर पुलिसिया कार्रवाई कराने का आरोप लगाया जिसमें एक महिला की मौत हो गई और कई अन्य जख्मी हो गए।
घटना के बाद शीर्ष अदालत ने छह जून को पुलिस कार्रवाई पर स्वत: संज्ञान लेते हुए केंद्र और दिल्ली पुलिस से स्पष्टीकरण मांगा था कि आधी रात के समय कार्रवाई क्यों की गई। दिल्ली पुलिस ने अपने हलफनामे में इन आरोपों से इनकार किया था कि उसने बल प्रयोग किया। पुलिस ने कहा कि रामदेव समर्थकों के हिंसक होने के बाद ही केवल आंसूगैस के गोले छोड़े गए।
(एजेंसी)
First Published: Monday, November 21, 2011, 21:26