रायसीना हिल की दौड़: पांच उम्मीदवार

रायसीना हिल की दौड़: पांच उम्मीदवार

रायसीना हिल की दौड़: पांच उम्मीदवारज़ी न्यूज ब्यूरो

नई दिल्ली: राष्ट्रपति चुनाव पर सस्पेंस जारी है। कौन राष्ट्रपति होगा यह कहना मुश्किल है लेकिन रायसीना हिल की दौड़ में जो पांच नाम अब रह गए हैं वह है- प्रणब मुखर्जी, डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम, मीरा कुमार, हामिद अंसारी और सोमनाथ चटर्जी। जाहिर सी बात है कि फिलहाल कलाम और प्रणब का नाम इस रेस में सबसे ऊपर है। आईए हम इन उम्मीदवारों की खूबियों (मजबूती) और खामियों (कमजोरी) पर एक नजर डालते है।

प्रणब मुखर्जी

मनमोहन सरकार के संकटमोचक माने जानेवाले प्रणब मुखर्जी की मजबूती पर गौर करें तो उन्हें पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी का समर्थन हासिल है और दूसरा सियासत में उनकी गहरी पैठ का होना है जो उन्हें इस पद के लिए सबसे ऊपर ला खड़ा करता है। उनकी कमजोरियों पर गौर करे तो ममता उन्हें पसंद नहीं करती है और एक सर्वसम्मत उम्मीदवार के तौर पर उनके नाम पर सहमति नहीं बन रही है। ममता-मुलायम को तो उनका नाम बिल्कुल मंजूर नहीं है।


एपीजे अब्दुल कलाम

कलाम की साफ छवि,जनलोकप्रियता अगर उनकी मजबूती है तो उनकी कमजोरी उनका राजनीतिक ना होना और कांग्रेस की पसंद ना होना है।

मीरा कुमार

लोकसभा स्पीकर मीरा कुमार अगर राष्ट्रपति बनतीं है तो वह पहली ऐसी महिला होंगी जो दलित महिला राष्ट्रपति बनेगी। उनकी मजबूती विवादों में ना होना, कांग्रेस का समर्थन और लोकसभा स्पीकर के तौर पर शानदार प्रदर्शन है जबकि कमजोरी की बात करें तो प्रतिभा पाटिल के बाद उनकी दावेदारी मुश्किल नजर आती है क्योंकि कांग्रेस भी उनके नाम पर कतई गंभीर नहीं है।

हामिद अंसारी


हामिद असारी की मजबूती में उनका अल्पसंख्यक होना और अगर कांग्रेस उनके नाम को आगे कर देती है तो राजनीतिक पार्टियों खासकर यूपीए के घटक दलों के लिए उनके नाम को खारिज करना मुश्किल होगा। उनकी कमजोरी की बात करें तो उनकी छवि इतनी लोकप्रिय नहीं है कि विपक्षी पार्टियां उनके नाम पर सहमत हो सके।

सोमनाथ चटर्जी

पूर्व लोकसभा स्पीकर सोमनाथ चटर्जी की मजबूती में कांग्रेस का साथ होना और उनका साफ छवि वाला होना है। दूसरी तरफ कमजोरी की बात करें तो वामदलों का समर्थन हासिल नहीं होना है।




First Published: Friday, June 15, 2012, 10:44

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