'राष्ट्रपति उम्मीदवार का समर्थन पार्टी तय करेगी' - Zee News हिंदी

'राष्ट्रपति उम्मीदवार का समर्थन पार्टी तय करेगी'

 

दिल्ली : राष्ट्रपति चुनावों की चर्चा बढ़ने के साथ ही बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि संप्रग या राजग दोनों ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है और वह ऐसे उम्मीदवार का समर्थन करेंगी जो पार्टी के ‘आंदोलन के लाइन’ में फिट बैठता हो।

 

राष्ट्रपति चुनावों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को लेकर हमारी पार्टी की नजर सभी पार्टियों पर है। देखते हैं कि संप्रग और राजग किस उम्मीदवार को उतारते हैं। उन्होंने कहा कि संप्रग और राजग के उम्मीदवारों का नाम स्पष्ट होने के बाद ही बसपा कोई निर्णय करेगी।

 

उत्तरप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, संप्रग और राजग के उम्मीदवारों का नाम जैसे ही स्पष्ट होता है, हम उस उम्मीदवार को समर्थन करने का निर्णय करेंगे जो पार्टी के आंदोलन के लाइन में फिट बैठता है। उन्होंने इस सवाल का जवाब नहीं दिया कि क्या बसपा वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी का समर्थन करेगी अगर संप्रग उन्हें अपने उम्मीदवार के तौर पर उतारती है।

 

मायावती ने कहा, जब संपग्र या राजग के उम्मीदवार का नाम ही स्पष्ट नहीं है तो हम किसी उम्मीदवार के खास गुण या अवगुण के बारे में क्या कहें। जो उम्मीदवार हमारे सामने होगा हम देखेंगे कि वह हमारे पार्टी के आंदोलन के लाइन में उपयुक्त है या नहीं।

 

यह पूछने पर कि बीजद और अन्नाद्रमुक राकांपा नेता पीए संगमा को शीर्ष संवैधानिक पद के लिए उम्मीदवार बना रहे हैं तो बसपा प्रमुख ने कहा कि उन्हें केवल मीडिया से इस बारे में जानकारी मिली है। लोकसभा में बसपा के 21 सदस्य हैं और राज्यसभा में 15 सदस्य हैं। उत्तरप्रदेश विधानसभा में पार्टी के 80 विधायक हैं।
राष्ट्रपति चुनावों में इसके मतों का मूल्यांक 43723 है। चुनावों में मतों का कुल मूल्यांक दस लाख 97 हजार 12 है।

 

राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदाताओं में लोकसभा, राज्यसभा और विधानसभाओं के सभी निर्वाचित सदस्य होते हैं। यह पूछने पर कि क्या बसपा गैर संप्रग, गैर राजग गठबंधन का हिस्सा होगी तो मायावती ने कहा कि उनकी पार्टी इस तरह के जाल में नहीं फंसेगी।

 

उन्होंने कहा, हमारी पार्टी ने इस बारे में नहीं सोचा है। हम इस तरह के जाल में नहीं फंसने जा रहे हैं। लोकपाल विधेयक पर मायावती ने कहा कि केंद्र सरकार को विधेयक को अंतिम रूप देना है और संसद में पेश करना है।  (एजेंसी)

First Published: Saturday, May 19, 2012, 22:01

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