Last Updated: Tuesday, March 13, 2012, 09:35
नई दिल्ली : तृणमूल कांग्रेस ने मंगलवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण से राष्ट्रीय आतंकवाद निरोधक केंद्र (एनसीटीसी) का जिक्र हटाने की मांग की। केंद्र में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार की एक अहम भागीदार तृणमूल के सांसद कल्याण बनर्जी ने एक टेलविजन चैनल से बातचीत में कहा कि चूंकि हम इसमें संशोधन चाहते हैं, इसलिए इन शब्दों को राष्ट्रपति के अभिभाषण से हटाया जाना चाहिए।
तृणमूल की आपत्ति के बावजूद सरकार ने राष्ट्रपति के अभिभाषण में एनसीटीसी के गठन को शामिल किया। बनर्जी ने इसका विरोध करते हुए कहा कि हम दृढ़ हैं, पार्टी दृढ़ है, हमारे नेताओं ने इस मुद्दे पर विचार किया है और इस पर पार्टी में चर्चा की गई है।
उधर, राष्ट्रीय आतंकवाद रोधी केंद्र (एनसीटीसी) की स्थापना पर कुछ राज्यों की आपत्ति के बीच गृहमंत्री पी. चिदंबरम ने मंगलवार को लोकसभा में कहा कि एनसीटीसी पूरी तरह जरूरी है और यह संघीय ढांचे पर हमला नहीं है। वहीं, एनसीटीसी पर राष्ट्रपति के अभिभाषण पर तृणमूल कांग्रेस संशोधन लाएगी।
संप्रग के सहयोगी दलों तृणमूल कांग्रेस के अलावा नेशनल कांफ्रेंस ने भी एनसीटीसी पर विरोध दर्ज कराया है। तृणमूल सांसद कल्याण बनर्जी ने सदन में कहा कि केंद्र राज्यों के अधिकारों पर अतिक्रमण का प्रयास कर रही है और लोकपाल तथा लोकायुक्त विधेयक के मामले में भी ऐसा ही देखा गया था। उन्होंने कहा कि इस तरह की योजना (एनसीटीसी) को तत्काल वापस लेना चाहिए।
उधर, चिदंबरम ने कहा कि कुछ राज्य एनसीटीसी के कुछ प्रावधानों का विरोध कर रहे हैं लेकिन वे इसके गठन का समर्थन करते हैं। लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान सदस्यों ने एनसीटीसी के मौजूदा प्रारूप पर चिंता जताई। चिदंबरम ने बीपी महतो और उषा वर्मा के प्रश्न के उत्तर में कहा कि मेरा मानना है कि एनसीटीसी पूरी तरह जरूरी है और मेरा स्पष्ट विचार है कि यह संघीय ढांचे का हनन नहीं करता।
(एजेंसी)
First Published: Wednesday, March 14, 2012, 10:21