Last Updated: Thursday, December 27, 2012, 21:51

कोलकाता/नई दिल्ली : राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के पुत्र और सांसद अभिजीत मुखर्जी दिल्ली में सामूहिक बलात्कार की घटना का विरोध करने वाली महिला प्रदर्शनकारियों को ‘बेहद रंगी पुती’ कहकर विवाद में फंस गए हैं। उनकी इस टिप्पणी की बेहद तीखी प्रतिक्रिया हुई है और इस टिप्पणी को लोगों ने ‘सैक्सी’ करार दिया है।
जांगीपुर से सांसद अभिजीत ने एक स्थानीय न्यूज चैनल से बातचीत में कहा था, ‘रैलियों में जो छात्रों के नाम पर आ रही हैं...सुंदर-सुंदर महिलाएं...बेहद रंगी-पुती।’ प्रणब मुखर्जी के राष्ट्रपति बनने के बाद जांगीपुर सीट खाली हुई थी और उसी सीट पर हुए उपचुनाव में अभिजीत जीते हैं।
अभिजीत ने कहा, ‘टीवी में साक्षात्कार दे रही हैं और अपने बच्चों को दिखा रही हैं। मुझे हैरानी है कि क्या वे कहीं से भी छात्राएं हैं।’ इसके साथ ही उन्होंने कहा, ‘वास्तव में दिल्ली में जो कुछ हो रहा है, वह गुलाबी क्रांति है जिसका जमीनी सच्चाइयों से बहुत अधिक वास्ता नहीं है।’ उनकी इस ‘असंवेदनशील’ टिप्पणी को लेकर तुरंत हंगामा खड़ा हो गया और उनकी बहन शर्मिष्ठा तक ने इस पर ‘गहरा आघात और आक्रोश’ जताया तथा अपने भाई की ओर से माफी मांगी।
इस मुद्दे पर चारों ओर से कड़ी प्रतिक्रिया मिलने के बाद अभिजीत ने अपनी टिप्पणी वापस ले ली और कहा कि उनका मतलब किसी ‘वर्ग विशेष या किसी व्यक्ति विशेष की भावनाओं’ को आहत करना नहीं था। उन्होंने कहा, ‘मैं उन शब्दों को वापस लेता हूं जिनसे दूसरों की भावनाएं आहत हुई हैं। मेरी मंशा किसी को आहत करने की नहीं थी और मैं सभी लोगों और समाज के सभी वर्गों से बिना शर्त माफी मांगता हूं।’
मुखर्जी ने अपने पिता और बहन शर्मिष्ठा से भी माफी मांगी और कहा कि उनकी टिप्पणी से उन लोगों की भावनाएं भी आहत हुई हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ने भी उनसे पूछा है कि क्यों उन्होंने इस प्रकार की टिप्पणी की।
सामाजिक कार्यकर्ता सुभाषिनी अली ने उनकी टिप्पणी को ‘पाशविक’ और महिलाओं के प्रति ‘अपमानजनक’ करार दिया। अभिनेत्री शर्मिला टैगोर ने इसे ‘बेहद लैंगिकवादी’ बताया। माकपा की बृंदा करात ने कहा कि यह टिप्पणी अभिजीत की ‘बीमार और विकृत’ मानसिकता को दर्शाती है। उन्होंने इसके साथ ही जोर देकर कहा कि समय आ गया है कि निर्वाचित प्रतिनिधियों के आचार विचार को लेकर आचार संहिता बनाए जाए। भाजपा ने भी उनकी इस टिप्पणी की आलोचना की है ।
कांग्रेस प्रवक्ता संदीप दीक्षित ने पार्टी सांसद की टिप्पणी पर बहस में नहीं पड़ने की बात करते हुए कहा कि ये सब ‘व्यक्तिगत टिप्पणियां’ हैं और पूरे संगठन को कुछ लोगों की टिप्पणियों के आधार पर नहीं देखा जा सकता। (एजेंसी)
First Published: Thursday, December 27, 2012, 15:33