राष्ट्रपति चुनाव: उम्‍मीदवारी को लेकर शुरू हुई सौदेबाजी!

राष्ट्रपति चुनाव: उम्‍मीदवारी को लेकर शुरू हुई सौदेबाजी!

राष्ट्रपति चुनाव: उम्‍मीदवारी को लेकर शुरू हुई सौदेबाजी!नई दिल्ली : राष्ट्रपति पद के लिए होने वाले चुनाव में सत्तारूढ़ संप्रग के दो महत्वपूर्ण घटकों तृणमूल कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के अभी तक पत्ते नहीं खोलने के कारण इस अहम पद को लेकर रहस्य और गहरा गया है। वहीं चुनाव आयोग ने राष्ट्रपति चुनाव कार्यक्रम की घोषणा जल्द किये जाने की बात कही है।

राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव में तृणमूल और सपा की रणनीति में केंद्र से वित्तीय पैकेज प्राप्त करने की बात दिख रही है हालांकि कांग्रेस ने राष्ट्रपति चुनाव के एवज में राज्यों को मदद की संभावना को सिरे से खारिज किया है। राष्ट्रपति चुनाव में दोनों दलों के पास 1.16 लाख वोट है जबकि चुनाव में कुल मतों की संख्या करीब 11 लाख है जो चुनाव में काफी मायने रखती है।

तृणमूल कांग्रेस ने सोमवार को पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा को वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी से विशेष पैकेज के बारे में बातचीत के लिए भेजा। यह बातचीत अधूरी रही। प्रणब को राष्ट्रपति पद की दौड़ में सबसे आगे बताया जा रहा है। अमित मित्रा ने आज प्रणब मुखर्जी से राज्य के लिए विशेष पैकेज के संबंध में मुलाकात की। दो घंटे से अधिक चली बैठक के बाद मित्रा ने संवाददाताओं से कहा कि बातचीत चल रही है। जब चर्चा पूरी हो जाएगी हम मुख्य मंत्री से बात करेंगे। पिछले साल जुलाई में सत्ता में आई ममता बनर्जी की सरकार केंद्रीय ऋणों पर ब्याज स्थगन आदि के रूप में विशेष वित्तीय पैकेज की मांग करती रही है। बनर्जी की पार्टी केंद्रीय सत्तारूढ गठबंधन संप्रग का महत्वपूर्ण हिस्सा है।

राजनीतिक हलकों में कहा जा रहा है कि ममता बनर्जी राष्ट्रपति पद के लिए प्रणब मुखर्जी की उम्मीदवारी का समर्थन करने के लिए केंद्र सरकार से विशेष पैकेज के मुद्दे पर सौदेबाजी कर रही हैं। ज्ञात हो कि पश्चिम बंगाल सरकार पर तकरीबन दो लाख करोड़ रुपये का कर्ज है और वह हर साल 22000 करोड़ रुपये ब्याज के तौर पर चुकाती है।

ममता ने राष्ट्रपति के उम्मीदवार के तौर पर लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार, पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे. अब्दुल कलाम और पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपाल कृष्ण गांधी की उम्मीदवारी का समर्थन किया था।

तृणमूल प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता में कहा कि उन्हें अभी प्रणब और मित्रा के बीच पैकेज पर बातचीत के परिणाम के बारे में पता नहीं चला है।

उधर, राष्ट्रपति पद के चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका रखने वाली समाजवादी पार्टी ने आज भी अपना पत्ता नहीं खोला लेकिन संप्रग को साफ संदेश दिया कि वह यह नहीं मान बैठे की सपा उसे आंख बंद कर समर्थन करेगी।

सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने कहा कि उम्मीदवारों की आधिकारिक घोषणा के बाद उनकी पार्टी अपना रुख स्पष्ट करेगी। संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद सपा प्रमुख ने संवाददाताओं से कहा कि राष्ट्रपति पद के चुनाव की घोषणा अभी नहीं हुई है । अभी कोई उम्मीदवार सामने नहीं है। हम उम्मीदवार की योग्यता के आधार पर समर्थन का फैसला करेंगे। यह पूछे जाने पर कि उनकी पार्टी वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी का राष्ट्रपति पद के लिए समर्थन करेगी तो उन्होंने कहा कि इस पर न तो उन्होंने किसी से संपर्क नहीं किया है ओर न ही उनसे किसी ने सपंर्क किया है। मुलायम ने कहा कि सपा उम्मीदवार की योग्यता के आधार पर अपनी राय जाहिर करेगी। लगे हाथ उन्होंने पहली योग्यता उम्मीदवार का राजनीतिक होना बताया।

केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी का नाम कांग्रेस के सम्भावित उम्मीदवार के रूप में सामने आने पर जब मुलायम से इस बारे में प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने कहा, "जब उम्मीदवार की घोषणा होगी तब हम फैसला करेंगे।"


मुलायम ने कहा कि हमारी पार्टी ने अभी कोई फैसला नहीं है । जब चुनाव का एलान हो जाएगा तब संसदीय बोर्ड इस मामले पर फैसला करेगा।’’ मार्क्सीवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने कहा कि संप्रग द्वारा अपना उम्मीदवार तय करने के बाद वह गैर कांग्रेसी धर्मनिरपेक्ष दलों के साथ राष्ट्रपति चुनाव पर विचार-विमर्श करके ‘राजनीतिक तौर पर’ कोई फैसला करेगा। इस वाम दल ने यह भी स्पष्ट किया है कि वह सत्ताधारी गठबंधन संप्रग के उम्मीदवार का समर्थन के लिए बाध्य नहीं है।

माकपा महासचिव प्रकाश करात ने कहा कि हम बाध्य नहीं है। हम कांग्रेस गठबंधन और संप्रग का हिस्सा नहीं हैं कि हमें उनकी ओर से प्रस्तावित उम्मीदवार का समर्थन करना पड़े। वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी की संभावित उम्मीदवारी के संदर्भ में यह पूछे जाने पर कि उनकी पार्टी किसी बंगाली का समर्थन करेगी तो करात ने कहा कि मेरा मानना है कि हम एक अखिल भारतीय पार्टी हैं। नाम आने के बाद हम राजनीतिक तौर पर फैसला करेंगे। पश्चिम बंगाल के लिए विशेष आर्थिक पैकेज की मांग को लेकर राज्य के वित्त मंत्री अमित मित्रा की प्रणव मुखर्जी से मुलाकात पर कांग्रेस ने आज इस बात का संकेत दिया कि संकटग्रस्त राज्य को मदद दी जा सकती है लेकिन उसने इस बात को खारिज कर दिया कि यह मदद राष्ट्रपति चुनाव में समर्थन के एवज में होगी।

कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा कि आपको इन दोनों चीजों को अलग अलग करने की जरुरत है। प्रत्यक्ष रूप से वित्तीय परेशानी का सामना करने वाला राज्य मदद के लिए केंद्र सरकार से सम्पर्क करता है। वह निश्चित रूप से राजनीतिक पहल या चुनावों के एवज में यह मांग नहीं कर रहा है। वहीं, नए मुख्य चुनाव आयुक्त का कार्यभार संभालने वाले वी एस संपत ने आज कहा कि राष्ट्रपति चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा जल्द ही कर दी जाएगी। (एजेंसी)

First Published: Monday, June 11, 2012, 22:46

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