राष्ट्रपति चुनाव पर वामदल बंटे, माकपा प्रणब के साथ

राष्ट्रपति चुनाव पर वामदल बंटे, माकपा प्रणब के साथ


नई दिल्ली : राष्ट्रपति चुनाव को लेकर वाम दल गुरुवार को बंटे नजर आए। माकपा और फारवर्ड ब्लाक ने जहां संप्रग उम्मीदवार प्रणब मुखर्जी के समर्थन का फैसला किया है, वहीं भाकपा और आरएसपी ने मतदान में भाग नहीं लेना तय किया है। माकपा नेताओं प्रकाश करात, सीताराम येचुरी, एबी बर्धन, टीजे चंद्रचूडन और देबब्रत बिस्वास की घंटे भर चली बैठक में चारों वाम दलों के बीच सहमति नहीं बन पाई।

भाकपा नेता बर्धन ने संवाददाताओं से कहा कि दो दलों ने तय किया है कि वे प्रणव का समर्थन करेंगे जबकि दो अन्य ने मतदान में शामिल नहीं होने का फैसला किया है। करात ने कहा कि उनकी पार्टी ने मुखर्जी के समर्थन का फैसला किया है क्योंकि मौजूदा हालात में राष्ट्रपति पद के लिए वही ऐसे उम्मीदवार हैं जिसकी सबसे अधिक स्वीकार्यता है।

उन्होंने कहा कि प्रणब को समर्थन का यह मतलब नहीं है कि हम कांग्रेस का समर्थन कर रहे हैं । माकपा संप्रग की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ संघर्ष जारी रखेगी। फारवर्ड ब्लाक के महासचिव बिस्वास ने कहा कि उनकी पार्टी 19 जुलाई को होने वाले मतदान में शामिल नहीं होने के पक्ष में नहीं है। आरएसपी महासचिव टी जे चंद्रचूडन ने कहा कि उनकी पार्टी मतदान में शामिल नहीं होगी।

बर्धन ने कहा कि वाम दलों ने राष्ट्रपति चुनाव के मुद्दे पर भले ही अलग अलग रूख कायम किया हो लेकिन वे एकजुट रहेंगे। उन्होंने कहा कि जहां तक वाम मोर्चे का सवाल है, वह चलता रहेगा और एकजुट रहेगा। यह केवल एक घटना है, जहां अलग अलग राय है । हम अपना आंदोलन मिलजुलकर जारी रखेंगे। प्रणब को समर्थन के लिए माकपा का फैसला आज सुबह पार्टी की पोलितब्यूरो की बैठक के बाद किया गया। सूत्रों ने बताया कि पार्टी का एक वर्ग मतदान में शामिल नहीं होने का पक्षधर था लेकिन एक अन्य वर्ग प्रणव के पक्ष में था। प्रणब ने करात को फोन कर समर्थन मांगा था। निर्वाचन मंडल में वाम दलों का 51 हजार मत मूल्य है।

वाम दलों की बैठक में फारवर्ड ब्लाक ने कहा कि प्रणब की स्वीकार्यता सबसे अधिक है। पार्टी के राष्ट्रीय सचिव जी. देवराजन ने कहा कि पहले वाम दलों ने तय किया था कि जो भी उम्मीदवार हो, उसकी सबसे अधिक स्वीकार्यता होनी चाहिए और मौजूदा मामले में प्रणव की सबसे ज्यादा स्वीकार्यता है। उन्होंने कहा कि प्रणब को हर ओर से समर्थन है। संप्रग उसके साथ है। राजग के घटक शिवसेना और जदयू उनके साथ हैं। सपा और बसपा प्रणब का समर्थन कर रहे हैं। (एजेंसी)

First Published: Thursday, June 21, 2012, 19:03

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