Last Updated: Thursday, June 28, 2012, 22:44

नई दिल्ली: प्रणब मुखर्जी और पी ए संगमा ने 19 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए गुरुवार को नामांकन पत्र दाखिल किये। इसके साथ ही दोनों के बीच राष्ट्रपति चुनाव के मुकाबले की जमीन तैयार हो गयी है, जिसमें संप्रग के दावेदार मुखर्जी जीत की ओर जाते दिखाई दे रहे हैं।
संसद भवन में नामांकन पत्र दाखिल किये जाते वक्त आज संप्रग और विपक्ष दोनों के ही दलों ने अपनी एकजुटता और समार्थ्य प्रदर्शित की और दोनों ही खेमों के बड़े नेता इस दौरान मौजूद थे।
यूपीए के उम्मीदवार मुखर्जी के नामांकन भरे जाते समय उनके साथ अन्य लोगों के अलावा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव और बसपा नेता सतीश चंद्र मिश्रा मौजूद थे। मुखर्जी ने संसद भवन में राज्यसभा महासचिव और राष्ट्रपति चुनाव के लिए निर्वाचन अधिकारी वी के अग्निहोत्री के कक्ष में अपने नामांकन पत्र दाखिल किये।
हालांकि राजग के सहयोगी दलों जदयू और शिवसेना तथा वामपंथी माकपा की ओर से इस दौरान कोई उपस्थित नहीं था, जिन्होंने मुखर्जी को समर्थन जताया है।
मुखर्जी के नामांकन पत्र दाखिल किये जाने के कुछ ही घंटे बाद संगमा ने नामांकन दाखिल किया और उनके साथ राजग के कार्यकारी अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी, भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी, पार्टी नेता अरुण जेटली, सुषमा स्वराज, मुरली मनोहर जोशी, राजनाथ सिंह के अलावा बीजद अध्यक्ष तथा ओड़िशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, पंजाब के मुख्यमंत्री और अकाली दल नेता प्रकाश सिंह बादल, जनता पार्टी के अध्यक्ष सुब्रमण्यम स्वामी और अन्नाद्रमुक के एम थांबिदुरई उपस्थित थे।
राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन पत्र 30 जून तक दाखिल किये जा सकते हैं। इसके मतदाता निर्वाचन मंडल में संसद सदस्य और विधानसभा सदस्य होते हैं। दोनों उम्मीदवारों को मिलने वाले पार्टियों के समर्थन के अनुसार मुखर्जी को जहां 10.98 लाख मत मूल्यों में से 6.45 लाख मत मूल्य मिलने की संभावना आंकी जा रही है वहीं संगमा के समर्थन में 3.12 लाख मत मूल्य आ सकते हैं।
मुखर्जी ने नामांकन पत्र दाखिल करने के तत्काल बाद सपा, बसपा, जदयू, माकपा, शिवसेना और फारवर्ड ब्लाक का आभार व्यक्त किया और तृणमूल से भी समर्थन की उम्मीद जताई जिसने अभी तक उनकी उम्मीदवारी पर समर्थन नहीं जताया है।
मुखर्जी ने कहा कि वह 30 जून को अपना प्रचार अभियान शुरू करेंगे और 15 जुलाई तक जारी रखेंगे। वह सात या आठ जुलाई को कोलकाता जा सकते हैं, जिस दौरान उनके ममता बनर्जी से मिलने की संभावना जताई जा रही है।
मुखर्जी के नामांकन पत्र का पहला सेट प्रधानमंत्री और सोनिया ने दाखिल किया। दूसरा सेट वरिष्ठ कांग्रेेसी नेता मोतीलाल वोरा ने जमा किया कुल चार में से अन्य दो सेट मुखर्जी ने दाखिल किये।
नामांकन पत्रों पर केंद्रीय मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों, कांग्रेस विधायक दल के नेताओं और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्षों समेत 486 सांसदों एवं विधायकों के हस्ताक्षर थे। इस दौरान मुखर्जी के साथ राहुल गांधी, पी. चिदंबरम, ए के एंटनी, वोरा और अन्य सहयोगी दलों के नेता जैसे लालू प्रसाद, रामविलास पासवान, टीआर बालू, सतीश चंद्र मिश्रा, फारुक अब्दुल्ला तथा आठ कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री भी थे। मुखर्जी ने 14वें राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपना नाम सुझाये जाने पर संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी का भी शुक्रिया अदा किया।
मुखर्जी ने बताया कि वह चेन्नई से 30 जून को अपना प्रचार शुरू करेंगे और अगले दिन हैदराबाद तथा बेंगलूर जाएंगे।
बीजद, अन्नाद्रमुक और भाजपा समर्थित संगमा की ओर से नामांकन पत्र के तीन सेट दाखिल किये गये। पहला सेट नवीन पटनायक ने दाखिल किया, जिसमें 108 सदस्यों के दस्तखत थे। एक सेट तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता की ओर से 120 दस्तखत के साथ और तीसरा सेट आडवाणी तथा बादल ने 122 दस्तखत के साथ जमा किया गया।
संगमा ने मतदाताओं से अपनी अंतरात्मा की आवाज पर वोट देने की अपील की और कांग्रेस पर निशाना साधा।
उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी ने उन्हें मिलने के लिए समय तक नहीं दिया जबकि वह तीन दिन तक इंतजार करते रहे।
सोनिया के विदेशी मूल के मुद्दे पर कांग्रेस छोड़ने वाले संगमा ने कहा, ‘मैं केवल यह कहना चाहता हूं कि भारत के आदिवासी हमेशा कांग्रेस पार्टी के साथ खड़े रहे। हमें कांग्रेस से उम्मीद थी कि वह एक आदिवासी का उम्मीदवार के तौर पर स्वागत करेगी और उसके नाम पर विचार करेगी।’ पूर्व लोकसभा अध्यक्ष ने दावा किया कि भारत के आदिवासी आज एक हैं और हम भविष्य में ऐसी आदिवासी एकता के साथ बढ़ेंगे जो पहले कभी नहीं देखी गयी। (एजेंसी)
First Published: Thursday, June 28, 2012, 22:44