राष्ट्रपति मुद्दे बीजेपी का आरोप बचकाना:कांग्रेस

राष्ट्रपति मुद्दे पर बीजेपी का आरोप बचकाना:कांग्रेस

राष्ट्रपति मुद्दे पर बीजेपी का आरोप बचकाना:कांग्रेसनई दिल्ली : राष्ट्रपति पद के चुनाव में भाजपा द्वारा पी ए संगमा का समर्थन किये जाने के बीच कांग्रेस ने आज विपक्षी दल की इस शिकायत को बचकाना बताते हुए खारिज कर दिया कि अपने उम्मीदवार के रूप में प्रणव मुखर्जी का नाम तय करने के पहले उसने विपक्ष से विचार विमर्श नहीं किया ।

संगमा को भाजपा का उधार का लिया हुआ उम्मीदवार करार देते हुए कांग्रेस ने यह भी कहा कि विपक्षी दल सिर्फ चुनाव लड़ने के नाम पर लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष का समर्थन कर रहा है ।

कांग्रेस महासचिव और मीडिया विभाग के प्रमुख जर्नादन द्विवेदी ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘सिर्फ लड़ने के लिए वे उम्मीदवार उतार रहे हैं । वे कुछ राजनीतिक खेल खेल रहे हैं । यह सब बेमतलब की बात है कि हमने पहल नहीं की।’ उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए याद दिलाया कि 2002 में भी जब भाजपा ने एपीजे अब्दुल कलाम का नाम प्रस्तावित किया था तो हम उम्मीदवार की खोज में नहीं निकले थे बल्कि उनका समर्थन किया था ।

द्विवेदी भाजपा के उस आरोप पर प्रतिक्रिया जता रहे थे कि अपने उम्मीदवार के रूप में मुखर्जी का नाम तय करने से पहले संप्रग ने उसके साथ विचार विमर्श नहीं किया। भाजपा ने साथ ही यह भी कहा कि वह कांग्रेस को वाकओवर नहीं देना चाहती ।

द्विवेदी ने कहा कि यह एक बचकानी शिकायत है कि पहले या बाद में उनसे विचार नहीं किया गया । जैसे ही संप्रग का उम्मीदवार तय हुआ प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भाजपा नेताओं से समर्थन मांगा । साथ ही सोनिया गांधी ने भी सभी दलों से मुखर्जी का समर्थन करने की अपील की ।

उन्होंने कहा कि भाजपा ने आज जो कहा, वह सचाई से दूर है । उन्हें पूरी तस्वीर सामने रखनी चाहिए थी । कांग्रेस अकेले उम्मीदवार की घोषणा नहीं कर सकती थी।

कांग्रेस नेता ने कहा कि संगमा में बहुत सारे गुण होंगे लेकिन मुखर्जी और उनमें कोई तुलना नहीं है । द्विवेदी ने कहा कि वैसे भी संगमा उनके उम्मीदवार नहीं हैं । वह किसी और के उम्मीदवार हैं । यह उनके लिए उधार में लिये गये उम्मीदवार हैं।

उन्होंने आश्चर्य जताया कि आखिर भाजपा के नेता प्रधानमंत्री को मुखर्जी के बारे में अपना विरोध स्पष्ट रूप से क्यों नहीं बता सके जब सिंह ने उनके नेताओं से संपर्क करके उनका समर्थन मांगा था ।

उन्होंने सवाल किया कि उस समय वे कलाम के नाम की चर्चा क्यों कर रहे थे। जब कलाम पीछे हट गये, मैदान में सिर्फ दो उम्मीदवार थे । भाजपा कोई निर्णय पर क्यों नहीं पहुंची । द्विवेदी ने राजग घटक जदयू और शिवसेना द्वारा मुखर्जी को समर्थन दिये जाने का स्वागत किया । (एजेंसी)

First Published: Thursday, June 21, 2012, 16:41

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