Last Updated: Monday, November 5, 2012, 17:29
लखनऊ : उर्दू को बढ़ावा देने के लिये बनायी गयी केन्द्र सरकार की स्वायत्त संस्था ‘कौमी काउंसिल बराए फरोग उर्दू जबान’ (एनसीपीयूएल) के मुख्य तत्वावधान में राष्ट्रीय उर्दू किताब मेला कल लखनउ में शुरू होगा।
काउंसिल के निदेशक ख्वाजा मोहम्मद इकरामुद्दीन ने आज यहां संवाददाताओं को बताया कि एनसीपीयूएल उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी तथा दिल्ली उर्दू अकादमी के सहयोग से लखनउ के कैसरबाग स्थित सेंटेनियल कालेज में कल से छह दिवसीय उर्दू किताब मेले का आयोजन किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि इस मेले का उद्घाटन केन्द्रीय मानव संसाधन राज्यमंत्री जितिन प्रसाद करेंगे। मेले में जम्मू-कश्मीर समेत देश के सभी राज्यों से 60 प्रमुख प्रकाशक अपनी किताबों का खजाना लेकर आयेंगे।
इकरामुद्दीन ने बताया कि इस मेले के दौरान विभिन्न प्रकार के साहित्यिक तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित होंगे जिनमें शाम-ए-गजल, कव्वाली, मौलाना अबुल कलाम आजाद पर आधारित नाटक, महफिल-ए-गजल, सूफियाना कलाम तथा कुलहिंद मुशायरा भी शामिल है।
एनसीपीयूएल के उपाध्यक्ष और मशहूर शायर वसीम बरेलवी ने इस मौके पर कहा कि एनसीपीयूएल हर साल मुल्क के किसी ना किसी राज्य की राजधानी में किताब मेला लगाती है। पिछली बार मुम्बई में यह मेला आयोजित किया गया था जिसमें रिकार्ड 54 लाख पुस्तकें बिकी थीं। इससे जाहिर होता है कि लोगों में किताब पढ़ने की ललक आज भी जिंदा है।
उन्होंने कहा कि काउंसिल की कोशिश है कि वह उर्दू भाषा को बढ़ावा देने के काम को महज सरकारी काम ना मानकर इसे एक मिशन बनाये। इसका मकसद सिर्फ उर्दू जबान को ही नहीं बल्कि हमारी गंगा-जमुनी तहजीब के खामोश पहलुओं को भी जिंदा रखना है। (एजेंसी)
First Published: Monday, November 5, 2012, 17:29