Last Updated: Monday, November 28, 2011, 09:22
नई दिल्ली : मल्टी ब्रांड खुदरा सेक्टर में 51 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति दिये जाने का विरोध करते हुए भाजपा नीत राजग ने सरकार पर आरोप लगाया कि यह कदम महंगाई, कालाधन जैसे जनता से जुड़े महत्वपूर्ण मुददों से ध्यान भटकाने और संसद की कार्यवाही को बाधित करने का प्रयास है।
राजग के संयोजक और जदयू अध्यक्ष शरद यादव और भाजपा प्रवक्ता शहनवाज हुसैन ने कहा कि जब तक सरकार मल्टी ब्रांड खुदरा क्षेत्र में एफडीआई की अनुमति के निर्णय को वापस नहीं लेती तब तक संसद की कार्यवाही चलने देने का प्रश्न ही नहीं उठता है।
उन्होंने आरोप लगाया कि वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा ने इस योजना को आगे बढ़ाने से पहले विपक्ष के साथ कोई चर्चा नहीं की।
संसद भवन परिसर में शरद यादव ने संवाददाताओं से कहा, ‘ आनंद शर्मा ने लिखा कि उन्होंने यह निर्णय करने से पहले सभी पक्षों से चर्चा की। सभी पक्ष कौन हैं ? सरकार को राजनीतिक दलों से बात करनी चाहिए।’
उन्होंने कहा कि अग इस नीति को स्वीकार कर लिया गया तब छोटे कारोबारियों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा और देश में बेरोजगारी की समस्या और बढ जायेगी।
यह पूछे जाने पर कि अगर एफडीआई का निर्णय वापस नहीं लिया जाता तब क्या विपक्ष संसद चलने देगा, शरद ने कहा, ‘ प्रश्न ही नहीं उठता।’
उन्होंने कहा, ‘यह सरकार की योजना है कि संसद को नहीं चलने देना है। उन्होंने ऐसे समय में एफडीआई की अनुमति दी जब संसद में महंगाई और कालाधन जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होनी थी।’
जदयू अध्यक्ष ने कहा कि यह निर्णय जल्दबाजी में किया गया और यहां तक की सरकार के कुछ मंत्रियों ने भी इसका विरोध किया था।
राजग से मांग की है कि मल्टी ब्रांड खुदरा क्षेत्र में एफडीआई के निर्णय को तत्काल वापस लिया जाय।
शरद ने कहा कि पूरा विपक्ष एफडीआई नीति को वापस लिये जाने की मांग कर रहा है।
वहीं, भाजपा प्रवक्ता शहनवाह हुसैन ने आरोप लगाया कि सरकार खुदरा क्षेत्र में एफडीआई का निर्णय इसलिए लिया है ताकि महंगाई, कालाधन और अन्य मुद्दों को पीछे किया जा सके।
(एजेंसी )
First Published: Monday, November 28, 2011, 14:53