'रिटेल में FDI के निर्णय को क्यों वापस लिया जाए' - Zee News हिंदी

'रिटेल में FDI के निर्णय को क्यों वापस लिया जाए'

नई दिल्ली: भले ही सरकार बहु-ब्रांड खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की मंजूरी देने के फैसले को लागू करने की प्रक्रिया स्थगित रखने को मजबूर हो पर लेकिन वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री आनंद शर्मा का दावा है कि यह फैसला उनकी पार्टी कांग्रेस पार्टी के पूरे समर्थन से दृढ़ विश्वास के साथ किया गया है।

 

एक टीवी न्यूज चैनल के साथ बातचीत में शर्मा ने कहा ‘निर्णय को क्यों वापस लिया जाए? हमने दृढ़ विश्वास के साथ इस दिशा में कदम उठाया। इस बारे में काफी सोच विचार कर निर्णय किया।’

 

यह साक्षात्कार तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख तथा पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की घोषणा से पहले का है। ममता ने वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी के साथ बात के बाद जानकारी दी कि बहु-ब्रांड खुदरा क्षेत्र में 51 प्रतिशत एफडीआई का निर्णय राजनीतिक आम सहमति बनने तक रोका जा रहा है।

 

शर्मा का मानना है कि खुदरा क्षेत्र को वैश्विक निवेशकों के लिए खोलने से दुनिया भर में एक सकारात्मक संकेत जाएगा कि भारत में भरपूर आत्म विश्वास है।

 

यह पूछे जाने पर कि क्या संसद सत्र के बीच घोषित इस फैसले को संप्रग प्रमुख सोनिया गांधी और कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी का समर्थन था, शर्मा ने कहा कि इस मुद्दे पर पार्टी एकजुट है।

 

करन थापर के साथ साक्षात्कार में जब वाणिज्य मंत्री से पूछा गया कि आखिर सोनिया गांधी और राहुल गांधी इस मुद्दे पर चुप क्यों हैं तो उन्होंने कहा, ‘चुप्पी कहां है? आपको लगता है कि बिना पार्टी की अनुमति के पार्टी प्रवक्ता पूरे मामले का समर्थन कर सकते हैं। कांग्रेस प्रवक्ता कभी भी पार्टी की अनुमति के नहीं बोलते।’

 

आनंद शर्मा ने कहा कि विदेशी निवेशकों के लिये खुदरा क्षेत्र को खोला जाना छोटे किसानों तथा उद्योग के हित में है। यह पूछे जाने पर कि आखिर पार्टी में इसको लेकर अनबन क्यों है, मंत्री ने कहा, ‘पार्टी एकजुट है। एक-दो लोग अपनी असहमति जता रहे हैं और उनके द्वारा उठाये जा रहे मुद्दों का हल किया गया है।’

 

शर्मा ने 53 शहरों को वैश्विक खुदरा कंपनियों के लिये खोले जाने को महत्वकांक्षी निर्णय बाताए जाने पर कहा कि यह निर्णय अनिवार्य नहीं है। राज्य सरकारों को अधिकार है कि वह इसे अपने अनुसार इसे स्वीकार करें या इसे लागू न करें।

 

उन्होंने यह दावा दोहराया कि सरकारी अनुमान के मुताबिक अगले तीन साल में एक करोड़ रोजगार का सृजन होगा। (एजेंसी)

First Published: Monday, December 5, 2011, 08:25

comments powered by Disqus