Last Updated: Tuesday, March 27, 2012, 09:30
नई दिल्ली : सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह को रिश्वत की पेशकश करने वाले के रूप में नाम आने पर लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) तेजिंदर खन्ना ने मंगलवार को कहा कि यदि ऐसा हुआ था तो इस मामले की जांच तभी करानी चाहिए थी। दिल्ली की एक अदालत में जनरल सिंह के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करने के बाद तेजिंदर सिंह ने एक समाचार चैनल से कहा कि सेना प्रमुख ने यदि इसके बारे में रक्षा मंत्री को अवगत कराया था और उन्हें रिश्वत देने की पेशकश की गई थी, तो उन्हें निश्चित रूप से उसी समय इसकी जांच करानी चाहिए थी।
ज्ञात हो कि रक्षा मंत्री ए.के. एंटनी ने मंगलवार को संसद को बताया कि सेना प्रमुख ने उन्हें लेफ्टिनेंट जनरल तेजिंदर सिंह द्वारा रिश्वत की पेशकश किए जाने के बारे में अवगत कराया था। एंटनी ने कहा कि लेकिन सेना प्रमुख ने मुझसे कहा था कि वह मामले को आगे नहीं ले जाना चाहते। उन्होंने कोई लिखित शिकायद नहीं दी। मुझे आज तक सेना प्रमुख से कोई लिखित शिकायत नहीं मिली है। सोमवार की रिपोर्ट के बाद मैंने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई)से मामले की जांच कराने का आदेश दिया है।
उल्लेखनीय है कि सेना प्रमुख ने खुलासा किया है कि एक सेवानिवृत्त रक्षा अधिकारी ने उनके कार्यालय में 600 घटिया वाहनों की खरीद की हरी झंडी देने पर उन्हें 14 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की थी।
(एजेंसी)
First Published: Tuesday, March 27, 2012, 18:01