रेप पीड़ित के नाम के खुलासे से SC नाराज

रेप पीड़ित के नाम के खुलासे से SC नाराज

रेप पीड़ित के नाम के खुलासे से SC नाराजनई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने सामूहिक बलात्कार की शिकार इंदौर जिले के बेतमा कस्बे की दो स्कूली छात्राओं को दस दस लाख रुपये मुआवजा देने का निर्देश सोमवार को मध्य प्रदेश सरकार को दिया।

न्यायालय ने इसके साथ ही एक हलफनामे में इन लड़कियों की पहचान सार्वजनिक करने के मामले में पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी करके पूछा है कि उसके खिलाफ आपराधिक मामला क्यों नहीं दर्ज किया जाए।

न्‍यायमूर्ति आरएम लोढा और न्यायमूर्ति मदन बी लोकूर की खंडपीठ ने पुलिस अधिकारी को कारण बताओ नोटिस का जवाब चार सप्ताह के भीतर देने का निर्देश दिया है। न्यायालय इस मामले में अब छह सप्ताह बाद आगे विचार करेगा। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए न्यायाधीशों ने कहा कि इस अधिकारी को नोटिस जारी किया जाए। कारण बताओ नोटिस में पूछा जाए कि हलफनामे में बलात्कार पीड़ित लड़कियों की पहचान सार्वजनिक करने के लिए उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 228-ए के तहत मामला क्यों नहीं दर्ज किया जाए।

न्यायाधीशों ने कहा कि सामूहिक बलात्कार की शिकार दोनों स्कूली छात्राएं गरीब परिवारों की हैं जिनके साथ फरवरी, 2012 को खुले मैदान में 16 व्यक्तियों ने दुष्कर्म किया था। इन दोनों छात्राओं को मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेश के पालन में मुआवजे के रूप में दो दो लाख रुपये की रकम दिया जाना ‘बहुत ही कम’ और ‘अपर्याप्त’ है। न्यायाधीशों ने कहा कि हम मध्य प्रदेश सरकार को उसके प्रधान सचिव (गृह) के माध्यम से निर्देश देते हैं कि दोनों पीड़ितों को आज से एक महीने के भीतर आठ लाख रूपए की शेष रकम का भुगतान किया जाए। न्यायालय ने केन्द्र सरकार से भी कहा कि इस तरह के अपराध की शिकार पीड़ितों की सामाजिक सुरक्षा और कल्याणकारी उपायों के लिए उसे आगे आना चाहिए क्योंकि वे जीवन पर्यन्त इस अपघात को जीती हैं। (एजेंसी)

First Published: Monday, August 5, 2013, 21:20

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