Last Updated: Friday, May 10, 2013, 19:27
नई दिल्ली : सीबीआई ने 10 करोड़ रुपए के कथित रेलवे रिश्वत मामले (रेलगेट) में सुने गए 1,000 कॉलों में से करीब 500 कॉलों की पहचान छानबीन करने के लिए की है। ये कॉल मुख्य रूप से चार आरोपियों के बीच के हैं। इस मामले के सामने आने के बाद रेल मंत्री पवन कुमार बंसल के भविष्य पर सवालिया निशान लग गया है। इस बीच सीबीआई सूत्रों ने बताया कि गिरफ्तार रेलवे बोर्ड सदस्य महेश कुमार और बंसल के भांजे विजय सिंगला पर दो महीने से की जा रही निगरानी के दौरान 1,000 फोन कॉल सुने गए थे।
सूत्रों ने बताया कि ये कॉल चार प्रमुख आरोपियों महेश कुमार, विजय सिंगला और बिचौलिए मंजूनाथ तथा संदीप गोयल के बीच के हैं। सूत्रों ने कहा कि सिंगला और कुमार के बीच के सुने गए सीधे फोन कॉल में अब तक विशिष्ट रूप से रेलवे बोर्ड सदस्य के स्थानांतरण पर चर्चा का पता नहीं लगा है। हालांकि ऐसे कॉल हैं जिनमें कथित तौर पर सिंगला कुमार को आश्वस्त कर रहे हैं कि काम हो जाएगा। कुमार को कथित रूप से आश्वस्त किया गया था कि ‘आर्थिक लाभ’ के बदले उन्हें सदस्य (इलेक्ट्रिकल) का आकर्षक पद मिलेगा।
सूत्रों ने बताया कि टेलीफोन कॉल के विश्लेषण से स्पष्ट होता है कि तीन मई को चारों प्रमुख आरोपियों ने एक दूसरे से कई बार बातचीत की थी। तीन मई को ही सीबीआई अधिकारियों ने कुमार को मुंबई में गिरफ्तार किया था। उन्होंने बताया कि इस पहलू की भी जांच की जा रही है कि रिश्वत की राशि किस प्रकार बेंगलुरु से चंडीगढ़ लाई गई। उन्होंने बताया कि शुरूआती जांच के अनुसार पैसे बेंगलुरु से नहीं लाए गए थे बल्कि इसके लिए हवाला मार्ग का इस्तेमाल किया गया था और मंजूनाथ ने कथित तौर पर दिल्ली में अपने संपर्कों का इस्तेमाल कर पैसे की व्यवस्था की जो चंडीगढ़ में सिंगला को दी गयी।
सूत्रों ने बताया कि तीन मई के पहले कुमार ने कम से कम चार बार बंसल से मुलाकात की थी और इनमें से एक मुलाकात 16 अप्रैल को एक कार्यक्रम के दौरान हुयी थी। सूत्रों ने कहा कि सुने गए 1,000 कॉलों में से 500 कॉल की गहन छानबीन के लिए छंटनी की गयी है। उन्होंने कहा कि यह बात सामने आ रही है कि बंसल ने ही कुमार और सिंगला का एक दूसरे से परिचय कराया था लेकिन इस संबंध में विशेष ब्यौरा हासिल करने का प्रयास किया जा रहा है।
सूत्रों ने दावा किया कि सीबीआई की निगरानी के दौरान सिंगला की उपस्थिति से पता लगता है कि वह कई बार रेल मंत्री के आवास और रेल भवन में थे। यह मामला कुमार के रेलवे बोर्ड में सदस्य (इलेक्ट्रिकल) बनने की आकांक्षा से जुड़ा हुआ है जिसके लिए उन्होंने कथित तौर पर सिंगला के करीबी गोयल से संपर्क किया था। गोयल ने कथित रूप से इसके लिए 10 करोड़ रुपए की मांग की थी।
इस दौरान कुमार की पदोन्नति महाप्रबंधक (पश्चिम) से रेलवे बोर्ड सदस्य (स्टाफ) के रूप में हो गयी। इस पद में शायद उनकी रूचि नहीं थी। इसके बाद कुमार ने कथित रूप से गोयल से संपर्क कर मदद मांगी थी ताकि महाप्रबंधक (पश्चिम) का अतिरिक्त प्रभार भी उनके पास रहे। इसके लिए उनसे दो करोड़ रुपए की तत्काल मांग की गयी थी। सीबीआई इस मामले में अब तक आठ लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। (एजेंसी)
First Published: Friday, May 10, 2013, 19:27