Last Updated: Wednesday, August 14, 2013, 00:36

नई दिल्ली : कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वाड्रा से जुड़े भूमि सौदे को लेकर मंगलवार को संसद में भारी हंगामा हुआ और दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित हुई। भाजपा ने इस मामले पर संसद में चर्चा कराने के साथ ही इसकी जांच के लिये विशेष दल गठित करने की मांग की जबकि कांग्रेस ने इसे अस्वीकार कर दिया।
वाड्रा को लेकर राजनीतिक सरगर्मी और लोकसभा और राज्यसभा में बार बार स्थगन के बीच संप्रग को बाहर से समर्थन दे रहे बसपा और सपा ने कांग्रेस अध्यक्ष के बचाव में आते हुए कहा कि उनके किसी संबंधी के गलत कार्य के लिये उन्हें कैसे जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।
वाड्रा के कथित संदेहास्पद भूमि सौदों को लेकर उठा विवाद आज संसद में छाया रहा और भाजपा के आक्रामक रुख के कारण दोनों ही सदनों की कार्यवाही कई बार स्थगित करनी पड़ी। लोकसभा में वाड्रा मुद्दे पर ध्यान आकषिर्त करने के लिए भाजपा सदस्यों ने ‘कांग्रेस का हाथ दामाद के साथ’ और ‘सोनिया का हाथ, दामाद के साथ’ जैसे नारे लगाये। जवाब में सत्त्ताधारी पार्टी के सदस्यों ने ‘कांग्रेस का हाथ, जनता के साथ, सोनिया का हाथ गरीब के साथ’ के नारे लगाये।
भाजपा के हमले की अगुवाई करते हुए पार्टी के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने कहा कि कई ऐसे बिजनेस स्कूल हैं जो धन कमाने के माडेल सुझाते हैं लेकिन एक उच्च संपर्क वाला व्यक्ति है, जो ऐसे किसी स्कूल नहीं गया बल्कि उसने ऐसा माडेल दिया, जहां कोई निवेश नहीं किया जाता और हजारों करोड रूपये की कमाई हो जाती है।
सिन्हा ने मांग की कि वाड्रा के भूमि सौदों की जांच के लिए विशेष जांच टीम का गठन किया जाए और इसकी निगरानी उच्चतम न्यायालय करे और उस टीम में हर क्षेत्र के लोग शामिल हों क्योंकि वाड्रा ने कई केन्द्रीय कानूनों का कथित उल्लंघन किया है। कांग्रेस शासित राज्यों हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान में वाड्रा के सभी सौदों की जांच होनी चाहिए। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, August 14, 2013, 00:36