रोबोट के जरिए ऑपरेशन कर आंत से निकाला ट्यूमर

रोबोट के जरिए ऑपरेशन कर आंत से निकाला ट्यूमर

नई दिल्ली : देश के उत्तरी क्षेत्र में पहली बार डॉक्टरों ने रोबोटिक प्रक्रिया के जरिए एक 62 वर्षीय व्यापारी की बड़ी आंत से ट्यूमर निकाल कर उसे एक नया जीवन दिया। सर गंगाराम अस्पताल में डाक्टरों के एक दल ने हाल ही में ‘दा विंची’ रोबोट के जरिए एक बेहद जटिल ऑपरेशन कर मरीज के मलाशय (बड़ी आंत का सबसे नीचला हिस्सा) से कैंसर कोशिकाओं को हटाया।

आंत्रशोध शल्य चिकित्सा एवं यकृत प्रत्यारोपण (एसजीएलटी) के सलाहकार डॉ. केआर वासु ने कहा कि इस ट्यूमर की अनूठी स्थिति की वजह से हमने इस प्रक्रिया में रोबोट का इस्तेमाल करने का सोचा। हमारा तर्क था कि इससे हमे बेहतर दृश्यता और काफी निपुणता मिलेगी। जहां लेप्रोस्कोपिक औजार पहुंच नहीं सकते, वहां इस रोबोट की मदद से हम शल्य चिकित्सा कर सकेंगे।

पारंपरिक तौर पर ऐसे ऑपरेशन शरीर में एक बड़ा चीरा लगाकर या हाल के दिनों में लेप्रोस्कोपिक या की-होल पद्धति के जरिए किए जाते रहे हैं। लेकिन इस मामले में ट्यूमर ऐसी जगह पर था, जिसकी वजह से मरीज के शरीर में चीरा लगाकर या लेप्रोस्कोपिक प्रक्रिया से ऑपरेशन करने के बाद उसे जीवनभर शरीर के बाहर एक कोलोस्टॉमी बैग (मल एकत्र करने के लिए) लटका कर चलना पड़ता।

एसजीएलटी की प्रमुख एवं अध्यक्ष डॉ. सुमित्रा रावत के मुताबिक, उत्तर भारत में यह पहली बार था, जब बड़ी आंत के निचले हिस्से की शल्य चिकित्सा में रोबोट का इस्तेमाल किया गया। वर्ष 2000 में बाजार में आई ‘दा विंची’ प्रणाली एक चार बांह वाला रोबोट है, जिसे शल्य चिकित्सक मरीज से कई फीट की दूरी से एक कंप्यूटर प्रणाली के जरिए नियंत्रित करते हैं। लेप्रोस्कोपिक या चीरा लगाने वाली परंपरागत प्रक्रिया की तुलना में इस मशीन के जरिए ऑपरेशन करने से मरीजों को कम रक्तश्राव और कम दर्द होने के अलावा उन्हें अक्सर जल्द ही घर भेज दिया जाता है। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, September 4, 2013, 17:52

comments powered by Disqus