`लक्ष्मण रेखा के दायरे में रहें संवैधानिक संस्थाएं`

`लक्ष्मण रेखा के दायरे में रहें संवैधानिक संस्थाएं`

`लक्ष्मण रेखा के दायरे में रहें संवैधानिक संस्थाएं`चेन्नई : विदेशी जमीन पर सरकार की आलोचना करने के लिए नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक पर निशाना साधते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने शुक्रवार को कहा कि संवैधानिक प्राधिकारों को लक्ष्मण रेखा के दायरे में रहना चाहिए।

तिवारी ने यहां संवाददाताओं से कहा,‘यह सर्वाधिक दुर्भाग्यपूर्ण है कि कैग ने अपनी संख्या (2 जी घोटाले में 1.76 लाख करोड़ रुपये के अनुमानित घाटे) की शुद्धता को जायज ठहराने के बजाय सरकार की विदेशी जमीन और विदेशी मंच पर आलोचना करने को चुना।’

वह कैग विनोद राय द्वारा हारवर्ड के केनेडी स्कूल में गुरुवार को दिए गए बयान पर पूछे गए सवालों का जवाब दे रहे थे।

तिवारी ने कहा,‘सवाल संख्या की शुद्धता के बारे में है। हमारा सवाल नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक से है कि कहां 1.76 लाख करोड़ रुपये का नुकसान है। वह अब भी बरकरार है।’

उन्होंने कहा कि यह पहला मौका नहीं है जब उन्होंने (कैग ने) ऐसा (सरकार की आलोचना) किया है। उन्होंने कहा, ‘यह पहला मौका नहीं है जब उन्होंने ऐसा किया है। मेरा मानना है कि संवैधानिक प्राधिकारों को लक्ष्मण रेखा का पालन करना चाहिए।’

हारवर्ड के केनेडी स्कूल में व्याख्यान देते हुए राय ने कहा था कि कैग साठगांठ वाले पूंजीवाद का पर्दाफाश करने का प्रयास करेगा और सरकार को सलाह दी कि वह उद्यमों का समर्थन करे, न कि उद्यमियों का।

राय ने कहा, ‘हम भ्रष्टाचार का सफाया करने में सक्षम न हों लेकिन हमारा प्रयास साठगांठ वाले पूंजीवाद के दृष्टांतों को उजागर करना है। सरकार को उद्यम को समर्थन देते दिखना चाहिए, न कि उद्यमियों को।’ राय दूरसंचार और कोयला जैसे विभिन्न घोटालों पर सरकार की आलोचना का शिकार हुए हैं। (एजेंसी)

First Published: Friday, February 8, 2013, 17:57

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