Last Updated: Wednesday, April 24, 2013, 10:33
ज़ी मीडिया ब्यूरोनई दिल्ली/श्रीनगर : सीमा पर बीते नौ दिन से जारी तनाव को कम करने के लिए भारत ने चीन को सीमा पर 15 अप्रैल से पहले की स्थिति में लौटने के लिए कहा, लेकिन मंगलवार को दूसरी फ्लैग मीटिंग में कोई ठोस नतीजा नहीं निकला। एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि बीजिंग ने बुधवार को लद्दाख से अपने जवानों की वापसी की नई दिल्ली की मांग को खारिज कर दिया है। गौरतलब है कि पिछले नौ दिनों से लद्दाख के दौलत बेग ओल्डी के नजदीक चीनी सैनिक भारतीय सीमा में करीब 10 किमी अंदर आकर एक टेंट चौकी बनाकर जमे हैं।
लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा का चीनी सेना के उल्लंघन के बाद तनाव कम करने के लिए दोनों देशों के सैन्य कमांडरों की मंगलवार को हुई दूसरी बैठक बेनतीजा रही और चीन इसे घुसपैठ नहीं मानने के अपने पुराने रवैये पर कायम है। सूत्रों के मुताबिक, भारत की ओर से ब्रिगेड कमांडर और चीन के सीनियर कर्नल के बीच चुशूल के नजदीक करीब पांच घंटे चली फ्लैग मीटिंग में चीनी टेंट हटाने की कोई सूरत नहीं बन पाई। भारत ने चीन को सीमा पर 15 अप्रैल से पहले की स्थिति में लौटने के लिए कहा है। बेहद फूंक-फूंककर कदम रख रहे भारतीय खेमे ने और फ्लैग मीटिंग का मन बनाया है।
इससे पहले विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने कहा कि 15 अप्रैल को घुसपैठ का पता चला और 16 अप्रैल की सुबह मंत्रालय के पूर्वी एशिया मामलों के संयुक्त सचिव गौतम बम्बावाले ने चीनी विदेश मंत्रालय में अपने समकक्ष से संपर्क किया। इसके अगले दिन यहां विदेश सचिव रंजन मथाई ने चीन के राजदूत वेई वेई को बुलाकर कहा कि वह अपने सैनिकों को पहले की तैनाती वाले जगह पर वापस बुलाए।
First Published: Wednesday, April 24, 2013, 10:33