Last Updated: Sunday, November 4, 2012, 21:23

श्रीनगर/नई दिल्ली : जम्मू कश्मीर में कुछ धर्मस्थलों में आगजनी में शामिल होने के बाद पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा ने मोबाइल टावरों को नष्ट कर राज्य में संचार प्रणाली बाधित करने के प्रयास किए हैं।
आधिकारिक सूत्रों ने आज बताया कि छह लश्कर आतंकवादियों से पूछताछ के दौरान इस आतंकवादी संगठन की यह साजिश सामने आयी। मध्य कश्मीर के बडगाम जिले में धर्मस्थलों और एक मस्जिद फूंकने को लेकर इन छह आतंकवादियों को पिछले महीने जम्मू कश्मीर पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
सूत्रों ने बताया कि जहूर अहमद खान उर्फ जुबैर की पूछताछ रिपोर्ट से किसी न किसी बहाने लोगों को प्रदर्शन के लिए उकसाने की ‘लश्कर’ की नापाक साजिश की गहरी झलक मिली। जुबैर का ही इस साल 15 जुलाई को नरबाल में जामा मस्जिद और हनीफुद्दीन मजार को फूंकने के पीछे हाथ बताया जाता है।
सूत्रों के मुताबिक जुबैर ने बताया कि वह पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर की यात्रा के दौरान लश्कर में भर्ती कराने का काम करने वाले व्यक्ति अब्दुल वाही गिलानी उर्फ सरिया से मिला। जुबैर का भाई मुजफ्फराबाद के गासीपुर में रहता है, वह उससे मिलने के लिए पिछले एक साल के दौरान दो बाद पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर गया।
जुबैर को कट्टरपंथ की घुट्टी पिलाने के बाद सरिया फरकान एवं वालिद समेत लश्कर के शीर्ष नेताओं से मिला जिन्होंने उससे वर्ष 2008 और 2010 के विफल प्रदर्शनों की वजह पूछी। लश्कर नेतृत्व ने अपनी नापाक त्रिआयामी रणनीति पूरी करने के लिए अधिकारिक कश्मीरी लड़कों को उकसाने की अपनी इच्छा जताई। समझा जाता है कि जुबैर ने जांचकर्ताओं को बताया कि उनके कामों में मोबाइल टावर नष्ट करना, फर्जी प्रमाण पत्र पर सिमकार्ड की व्यवस्था करना तथा धर्मस्थल व मस्जिदों को नष्ट करना और लोगों को प्रदर्शन के लिए उकसाने का प्रयास करना शामिल हैं।
जुबैर ने दावा किया कि उसने इस साल जुलाई में मध्य कश्मीर में मोबाइल टावर को नुकसान पहुंचाया और लश्कर राज्य की अर्थव्यवस्था को पीछे धकेलना चाहता है। आरोपियों ने बताया कि इस साल के प्रारंभ में हिमस्खलन में फरकान की मौत के बाद से लश्कर के कश्मीर मामलों को संभाल रहे वलीद ने जुबैर से कहा था कि धर्मस्थलों को जलाने से इस आतंकवादी संगठन के दोहरे उद्देश्य पूरे होंगे, पहला प्रदर्शन के लिए यह आधार बिंदु बनेगा और दूसरा अहलदीस संप्रदाय का तुष्टीकरण होगा।
दरअसल अहलदीस संप्रदाय सूफीवाद में विश्वास नहीं करता है। जुबैर के अलावा जो अन्य लोग गिरफ्तार किए गए हैं वे फारूक अहमद मीर, बरकत उर्फ अबू तलाह, एजाज अहमद उर्फ इमरान, अब्दुल्ला डार उर्फ अस्सद तथा राउफ डार उर्फ राफिक हैं। मीर की गिरफ्तारी से ही लश्कर के पूरे मॉड्यूल का पता चला था और उसने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष अपना इकबालिया बयान रिकार्ड कराया है। (एजेंसी)
First Published: Sunday, November 4, 2012, 21:23