Last Updated: Saturday, September 28, 2013, 17:49
बेंगलुरु : भाजपा ने आज कहा कि कांग्रेस जन प्रतिनिधियों संबंधी अध्यादेश जल्दबाजी में इसलिए जारी करना चाहती थी ताकि वह अपने सहयोगी लालू प्रसाद को 30 सितंबर को चारा मामले में दोषी ठहराये जाने की स्थिति में ‘बचा’ सके।
भाजपा के वरिष्ठ नेता एम. वेंकैया नायडू ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘यदि अध्यादेश 30 सितंबर से पहले जारी नहीं किया गया और यदि उनके खिलाफ अध्यादेश नकारात्मक आया तो वह अपनी सदस्यता गंवा देंगे।’ यह पूछे जाने पर कि क्या अध्यादेश लाने के पीछे मकसद लालू को बचाना था, नायडू ने कहा, ‘निस्संदेह।’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस अपने सांसद रशीद मसूद को भी बचाना चाहती है जिन्हें हाल में ही दोषी ठहराया गया है तथा पार्टी को अन्य के बारे में भी ऐसा ही फैसला आने की उम्मीद है।
राहुल गांधी द्वारा जनप्रतिनिधियों के बारे में लाए गए अध्यादेश को बकवास बताने और सरकार पर हमले के बारे में नायडू ने कहा कि कांग्रेस उपाध्यक्ष का ‘असली मकसद’ प्रधानमंत्री को यह दिखाना था कि ‘असली बॉस कौन है।’ उन्होंने कहा कि अध्यादेश कोई रातोंरात हुआ घटनाक्रम नहीं है। उसे कांग्रेस सरकार की अध्यक्षता वाले कोर ग्रुप ने मंजूरी दी थी तथा इसे कैबिनेट की मंजूरी मिली है। इसे पहले विधेयक के रूप में पेश किया गया था।
नायडू ने कहा कि राहुल ने अध्यादेश के खिलाफ बोलना इसलिए चुना क्योंकि सभी वर्गों से इसकी भर्त्सना हो रही थी तथा राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इसके मकसद पर सवाल उठाया था। (एजेंसी)
First Published: Saturday, September 28, 2013, 17:49