Last Updated: Wednesday, April 3, 2013, 21:13

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि वह इस बारे में फैसला करेगा कि उच्च स्तरीय पदाधिकारियों के अलावा क्या और कोई अपने वाहन पर लाल बत्ती और सायरन का इस्तेमाल करने का हकदार हैं।
लाल बत्ती और सायरन को लोगों द्वारा अपने रूतबे के लिए दुरूपयोग किए जाने के मद्देनजर शीर्ष न्यायालय इस बारे में फैसला करेगा।
न्यायमूर्ति जीएस सिंघवी के नेतृत्व वाली पीठ ने यह भी कहा कि वह इस बारे में भी पड़ताल करेगी कि अति विशिष्ट लोगों के वाहनों की निर्बाध आवाजाही के लिए सड़कों को बंद किया जाना कानूनी और संवैधानिक रूप से सही है या नहीं।
पीठ ने कहा कि इस तरह की बत्ती और सायरन का इस्तेमाल सिर्फ एंबुलेंस, दमकल वाहन, पुलिस और सेना के वाहन पर किया जाना चाहिए।
पीठ ने केंद्र से कहा कि आप अन्य सभी वाहनों से लाल बत्ती तुरंत हटा सकते हैं। लोगों के मन में यह चीज है जिसके चलते वे लाल बत्ती को नापसंद करते हैं। इसे हटाने पर क्यों नहीं पुनर्विचार किया जाए? प्रत्येक व्यक्ति को समानता के स्तर पर लाने के लिए यह एक बड़ा संकेत होगा।
उत्तर प्रदेश में इस तरह की बत्ती का दुरूपयोग होने के विषय से जुड़ी प्रदेश के एक निवासी की याचिका पर पीठ सुनवाई कर रही थी। गौरतलब है कि पीठ ने किसी तरह के खतरे का सामना नहीं कर रहे सांसदों, विधायकों सहित हर किसी को पुलिस सुरक्षा दिये जाने को नामंजूर करते हुए 17 जनवरी की सुनवाई में कहा था कि सभी राज्य सुरक्षा मुहैया कराए गए लोगों की सूची और उनकी सुरक्षा के लिए राज्य द्वारा उठाये गए खर्च का ब्योरा पेश करे।
पीठ ने कहा था कि राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, उपराष्ट्रपति, स्पीकर, प्रधान न्यायाधीश, संवैधानिक संस्थाओं के प्रमुख और राज्यों में उनके समकक्षों को सुरक्षा दी जा सकती है। लेकिन हर किसी को लाल बत्ती और सुरक्षा क्यों? यहां तक कि मुखिया, सरपंच भी लाल बत्ती लगा कर घूम रहे हैं।’ (एजेंसी)
First Published: Wednesday, April 3, 2013, 21:11