Last Updated: Monday, January 21, 2013, 08:54
भुवनेश्वर : नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक विनोद राय ने कहा कि लेखा परीक्षक महज ‘चीयर लीडर्स’ नहीं हो सकते और उनका काम सरकार को वित्तीय रूप से विधायिका के प्रति जवाबदेह ठहराना है।
राय ने यहां हरेकृष्णा महताब स्मारक व्याख्यान में कहा कि हमारी भूमिका सरकार के व्यय का लेखा परीक्षण भर नहीं है। हमारा काम बस लेखा परीक्षण रिपोर्ट तैयार करने और उसे संसद में रखना भर नहीं है। हमारा काम सरकार को वित्तीय रूप से विधायिका के प्रति जवाबदेह ठहराना है। हम बस चीयर लीडर्स की भूमिका नहीं निभा सकते। हाल के वषरें में कैग की भूमिका पर सत्तासीन नेताओं के बयानों की ओर इशारा करते हुए राय ने कहा कि कैग की पेशेवर विशेषज्ञता नीति निर्माण की सर्वोत्कृष्टता के राह की कमियां तथा नीति क्रियान्वयन की खामियां इंगित तथा इन कमियों से उबरने के सकारात्मक सुझाव देना है।
उन्होंने कहा कि निर्वाचित कार्यपालिका संसदीय लोकतंत्र में सर्वोच्च होते हें लेकिन नौकरशाही को हिम्मती एवं सिी प्रति की जगह संवधिान के प्रति निष्ठावान होना चाहिए। (एजेंसी)
First Published: Monday, January 21, 2013, 08:54