'लोकपाल के लिए सत्र बुलाएं राष्ट्रपति' - Zee News हिंदी

'लोकपाल के लिए सत्र बुलाएं राष्ट्रपति'

ज़ी न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली : वरिष्ठ भाजपा नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल आज राष्ट्रपति प्रतिभा देवी पाटिल से मिला और भ्रष्टाचार से निपटने का प्रावधान करने वाले लोकपाल विधेयक पर मत विभाजन के लिए संसद का सत्र पुन: बुलाने की मांग की।

 

लालकृष्ण आडवाणी के नेतृत्व में पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी और लोकसभा तथा राज्यसभा में विपक्ष के नेता क्रमश: सुषमा स्वराज एवं अरुण जेटली आदि ने राष्ट्रपति से मिलकर उन्हें इस संबंध में ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कहा गया कि देश की संसद की विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए राष्ट्रपति सरकार को तत्काल संसद का सत्र बुलाने का सुझाव दें ताकि लोकपाल विधेयक पर मत विभाजन कराया जा सके।

 

ज्ञापन में राष्ट्रपति से आग्रह किया गया है कि सरकार से पूछा जाना चाहिए कि उसने सदन (राज्यसभा) की कार्यवाही में लगातार बाधा क्यों पहुंचायी। पहले तो उसने मित्रवत पार्टी के जरिए यह काम किया और फिर स्वयं सत्ता पक्ष के सदस्यों ने बाधा पहुंचाना शुरू कर दिया। भाजपा नेताओं ने कहा कि मत विभाजन से बचने वाली सरकार को सत्ता में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। राज्यसभा में विपक्ष के नेता जेटली ने कहा कि लोकपाल को लेकर सरकार की विफलता संसदीय प्रणाली का अपमान है।

 

गौरतलब है कि राष्ट्रपति से मिलने का निर्णय हाल ही में भाजपा कोर ग्रुप की बैठक में लिया गया था। बैठक में कहा गया था कि भ्रष्टाचार के खिलाफ राज्यसभा में लाए गए लोकपाल विधेयक पर बहस के बाद बिना वोटिंग कराए सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किया जाना सरकार की अक्षमता को साबित करता है। इस मुद्दे पर पार्टी ने कांग्रेस के खिलाफ एक सप्ताह का राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया। 3 जनवरी से शुरू किया गया 'कांग्रेस हटाओ, लोकतंत्र बचाओ' अभियान 10 जनवरी तक चलेगा।

 

भाजपा का आरोप है कि राज्यसभा में मध्यरात्रि के ड्रामा के दौरान लोकपाल को पारित कराने के लिए पर्याप्त संख्या के अभाव में वोटिंग नहीं कराने का फैसला लेकर यूपीए सरकार ने लोकतंत्र की हत्या की है। पार्टी नेताओं ने कहा कि एक सप्ताह के अभियान के दौरान चुनाव वाले राज्यों में लोकपाल विधेयक पर यूपीए सरकार के रवैये को प्रचारित किया जाएगा।

First Published: Friday, January 6, 2012, 00:06

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